अर्नब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक टीवी के कुछ कर्मचारियों ने दिल्ली में सोमवार देर रात आयकर विभाग के छापेमारी के दौरान उनकी टीम पर हमला करने का सनसनीखेज आरोप लगाया। दरअसल, दिल्ली के गीता कॉलोनी के एक अपार्टमेंट में देर रात तक चले तलाशी अभियान के बाद आयकर अधिकारियों और कांग्रेस समर्थकों के एक गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई। जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, अर्नब गोस्वामी ने छापेमारी की रिपोर्टिंग करने के लिए अपनी पूरी एक टीम लगा रखी थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान चैनल के रिपोर्टरों और कांग्रेस समर्थकों के बीच कहासुनी भी हुई। अर्नब ने अपने कर्मचारियों को कवरेज करने से रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली।
दरअसल, आयकर विभाग की यह छापेमारी मोइन खान नाम के एक शख्स के घर पर हुई थी। दावा किया जा रहा है कि मोइन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के कार्यालय के कर्मचारी है। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान पटेल खान के घर पर भी पहुंचे थे और आईटी छापे के दौरान उन्हें परिसर के अंदर बैठे हुए देखा गया था। बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की ताकि चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा आईटी अधिकारियों के कथित दुरुपयोग के बारे में शिकायत की जा सके। कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग को सूचित किया कि अधिकारियों द्वारा खान के परिवार को ’24 घंटे’ के लिए घर छोड़ने की अनुमति नहीं दी गई है।
गीता कॉलोनी में खान के घर हुई छापेमारी के तार एक दिन पहले रविवार को मध्य प्रदेश में हुई छापेमारी से जुड़ी थी। बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के कई नजदीकी व्यक्तियों के आवासों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। आईटी विभाग ने बाद में रविवार के छापे के बारे में जानकारी देते हुए एक असाधारण बयान जारी किया। सोमवार रात को एक बयान में कहा गया कि चार राज्यों में लगभग 52 स्थानों पर 300 आई-टी अधिकारियों द्वारा छापेमारी की थी। बयान में दावा किया गया है कि पिछले दो दिनों में मध्य प्रदेश में हुए आयकर विभाग के छापों 281 करोड़ रुपये की बेहिसाब नगदी के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।
विभाग ने बताया कि अधिकारियों ने 14.6 करोड़ रुपये की ‘बेहिसाबी’ नकदी बरामद की है और मध्य प्रदेश तथा दिल्ली के बीच हुए संदिग्ध भुगतान से जुड़ी डायरी तथा कंप्यूटर फाइलें अपने कब्जे में ली हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि विभाग को 20 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी के तुगलक रोड पर रहने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के घर से ‘दिल्ली की बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय’ तक कथित तौर पर जाने के सुराग भी मिले हैं। आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जांच में कई संदिग्ध लेनदेन पाए गए जो हाथ से लिखी डायरियों, कम्प्यूटर फाइल्स और एक्सेल शीट से मिलान कर सही पाए गए। 14 करोड़ 60 लाख रुपये कैश मिला, जिसका कोई हिसाब नहीं है।
सीबीडीटी ने सोमवार देर रात एक बयान जारी कर कहा, ‘अब तक शराब की 252 बोतलों, कुछ हथियारों और बाघ की खाल के अलावा 14.6 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी मिली है।’ सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करती है। सीबीडीटी ने कहा, ‘मध्य प्रदेश में छापेमारी से कारोबार, राजनीति एवं सार्वजनिक सेवा समेत विभिन्न क्षेत्र के कई व्यक्तियों के जरिए 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जुटाने के व्यापक एवं सुसंगठित रैकेट का पता लगा है।
साथ ही कहा, ‘नकदी का एक हिस्सा दिल्ली में बड़े राजनीतिक दल के मुख्यालय तक भेजा गया है, जिसमें वह 20 करोड़ रुपये भी शामिल हैं जो हाल में हवाला के जरिए दिल्ली के तुगलक रोड पर रहने वाले वरिष्ठ पदाधिकारी के घर से राजनीतिक दल के मुख्यालय पहुंचाए गए।’ हालांकि न तो राजनीतिक पार्टी की और न ही वरिष्ठ पदाधिकारी की पहचान उजागर की गई।
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— Republic (@republic) April 8, 2019
बयान में बताया गया कि पैसा इकट्ठा करने के रिकॉर्ड और ‘हाथ से लिखी डायरी, कंप्यूटर फाइलें और एक्सेल शीट के रूप में नकदी की अदायगी के बारे में पता चला और वह उक्त खोजों से मेल खाता है।’ बताया कि दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारी के करीबी रिश्तेदार के समूह पर छापेमारी में ‘230 करोड़ के बिहसाब लेनदेन की नकद पुस्तिका रिकॉर्डिंग, नकली बिलों के जरिए 242 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि की वसूली और कर चोरी करने वाली 80 कंपनियों से ज्यादा की जानकारी समेत अपराध साबित करने वाले साक्ष्य’ जब्त किए गए हैं। बयान में कहा गया है कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया गया है।
आयकर विभाग द्वारा जिन लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई, उनमें एमपी के सीएम कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, पारसमल लोढ़ा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी और उनके भांजे रतुल पुरी शामिल हैं। कमलनाथ ने इन छापों पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, ‘आयकर छापों के बारे में स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही उस पर बोलना उपयुक्त होगा, लेकिन पूरा देश जानता है कि पिछले पांच साल के दौरान कैसे संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया और किनके खिलाफ उनका इस्तेमाल किया गया।’