एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए मशहूर अभिनेता अजय देवगन ने कहा कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो फिल्म उद्योग एकजुट है लेकिन जब बीच में राजनीति घुस जाती है तो यह पूरी तरह ‘‘भयभीत और कमजोर’’ हो जाता है।
जब पूछा गया कि यह राष्ट्रवाद है या डर तो अजय ने कहा, ‘‘दोनों। जब राष्ट्रवाद की बात होती है तो जैसा कि मैंने कहा कि मैं देश के साथ खड़ा हूं। जब राजनीति की बात आती है तो उद्योग जगत का व्यक्ति थोड़ा भयभीत हो जाता है। वह भयभीत इसलिए हो जाता है कि अगर आज आप किसी समूह के खिलाफ कोई बात करते हैं तो आपकी फिल्म रोक दी जाती है, कुछ भी हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक राजनीति की बात है तो हम काफी चिंतित हैं। जहां राष्ट्रवाद की बात है, मेरा मानना है कि यह बॉलीवुड विभाजित नहीं है।’’
देवगन आज तक के विशेष समारोह ‘मंथन’ में काजोल के साथ बोल रहे थे। करण जौहर की फिल्म ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ को मनसे से मिल रही धमकियों के मद्देनजर उनका बयान आया है। 47 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि जब राजनीति की बात आती है तो कई लोग अपना विचार रखने से डरते हैं क्योंकि उन्हें अनावश्यक विवाद झेलना पड़ता है।
पिछले कुछ समय से हिन्दी फिल्म उद्योग दो अलग-अलग खेमों में बंटा हुआ नज़र आ रहा है। राष्ट्रवाद और देशभक्ति की नई परिभाषाओं के बीच बाॅलीवुड भी अपने नये अर्थ तलाश रहा है।