दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को कहा है कि मोदी सरकार “उतनी ही बुरी” है जितनी बुरी कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार थी।
आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की “पैदा की जा रही असहिष्णुता” की रणनीति को “भारत के विचार के लिए गंभीर खतरा” बताया गया है।
आप ने कहा कि 2014 में देश के लोगों ने “विकास और सुशासन की उम्मीद के साथ देश की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार को बदल दिया था। लेकिन, बीते 18 महीने में यह विकल्प, भाजपा नेतृत्व वाला राजग, उतना ही बुरा साबित हुआ है।”
प्रस्ताव में कहा गया है कि भ्रष्टाचार केंद्र सरकार में हर स्तर पर व्याप्त है। आर्थिक विकास की दर सुस्त है। रोजगार का सृजन न के बराबर है। सामाजिक क्षेत्र में खर्च घट गया है और कृषि को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।
आप ने कहा है, “राजनैतिक रूप से भाजपा अपने अतीत के अनुरूप ही रही। भारतीय समाज को नाजुक तरीके से बांधे रखने वाले सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश पार्टी ने की।”
प्रस्ताव में कहा गया है, “भाजपा का वास्तविक एजेंडा असहिष्णुता है और राजनैतिक लाभ के लिए समाज को बांटना है।”
आप ने कहा है कि इस “पैदा की गई असहिष्णुता” को लोगों ने नकार दिया है, पहले दिल्ली में और फिर बिहार में। लेकिन “भाजपा की इसे अपनी राजनैतिक रणनीति का केंद्र बिंदु बनाने की लगातार कोशिश भारत के विचार के लिए एक गंभीर खतरा है।”
आप ने कहा है कि वह मानती है कि ” सांप्रदायिक और भ्रष्ट ताकतें भारतीय समाज के लिए मुख्य खतरा हैं और पार्टी इनका राजनैतिक विरोध करेगी।”
विधायक सरिता सिंह के प्रस्ताव पर आप की राष्ट्रीय परिषद ने तीन प्रस्ताव पारित किए।
इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से निकलकर आम आदमी पार्टी बनने तक का यह सफर काफी सीखने वाला रहा है।
आप ने मोदी सरकार पर संघीय ढांचे को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
आप ने कहा है, “सहयोगी संघवाद के बजाए राज्यपालों और उप राज्यपालों की मदद से गैर राजग सरकारों को निशाने पर लिया जा रहा है।”
पार्टी ने कहा है कि वह मोदी सरकार के गैर राजग सरकारों के प्रति इस तानाशाही रवैए के खिलाफ जनमत बनाएगी।