राजनेताओं द्वारा दिए जा रहे भड़काऊ भाषणों पर चुनाव आयोग ने सोमवार (15 अप्रैल) को बड़ी कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने अपने भाषणों में आपत्तिजनक बयान देकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए कल यानी मंगलवार (16 अप्रैल) सुबह 6 बजे से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव प्रचार से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे (तीन दिन) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती पर 48 घंटे (दो दिन) का बैन लगा दिया है। दोनों नेता इस दौरान चुनाव प्रचार नहीं पाएंगे।
मेरठ में चुनाव प्रचार के दौरान 9 अप्रैल को सीएम योगी आदित्यनाथ के दिए भाषण पर आयोग ने नोटिस भेजा है। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान आदित्यनाथ ने कहा था, ‘एसपी-बीएसपी को अली में यकीन है। हमें भी यकीन है बजरंगबली में।’ योगी ने देवबंद में बसपा प्रमुख मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी जिसमें मायावती ने मुस्लिमों से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थी। अली और बजरंगबली को लेकर दिए गए बयान पर चुनाव आयोग ने सीएम योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया था। अब इस मामले में आयोग ने योगी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 72 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी है।
मायावती ने एक चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए मुस्लिम समुदाय से सपा-बसपा गठबंधन को वोट देने की अपील की थी। सात अप्रैल को देवबंद रैली में मायावती ने कहा था, “इस बात का अहसास कांग्रेस को भी है। कांग्रेस मानकर चल रही है हम जीतें या न जीतें लेकिन गठबंधन नहीं जीतना चाहिए इसलिए कांग्रेस ने ऐसी जाति और ऐसे धर्मों के लोगों को खड़ा किया है जिससे बीजेपी को फायदा पहुंचे।”
उन्होंने आगे कहा था, “इसलिए मैं मुस्लिम समुदाय से कहना चाहती हूं, मुसलमानों को यह पता है कि हमारा मुस्लिम समाज का जो कैंडिडेट है, इसका टिकट हमने पहले ही फाइनल कर दिया था लेकिन कांग्रेस ने फाइनल नहीं किया था। मैं मुस्लिम समाज के लोगों को कहना चाहती हूं कि आपको वोट बांटना नहीं है बल्कि एकतरफा वोट देकर गठबंधन को कामयाब बनाना है। अब तो समाजवादी पार्टी और जाट भाई भी मैदान में उतर चुके हैं।”
मायावती के इस बयान को लेकर चुनाव आयोग ने उनसे जवाब तलब किया था। अब आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मायावती को अगले 48 घंटे तक प्रचार से रोक दिया है। वहीं, इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल को गाजियाबाद में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के चुनाव प्रचार में भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ कहा था।
इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने तो आपत्ति जताई थी साथ ही कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी आपत्ति जताते हुए कहा था कि सेना देश की होती है, किसी नेता की नहीं होती है। योगी ने कहा था, ”कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते हैं और मोदी जी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है।”