हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, वीरभद्र मंत्रिमंडल छोड़ अनिल शर्मा ने BJP का थामा दामन

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हिमाचल प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस को झटका देते हुए प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा ने रविवार(15 अक्टूबर) को वीरभद्र सरकार छोड़कर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में शामिल हो गए।

PHOTO: ANI

पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री सुख राम के बेटे शर्मा ने कहा कि मैंने आज हिमाचल मंत्रिमंडल छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गया हूं। शर्मा ने बताया कि बीजेपी ने उन्हें मंडी से टिकट दिया है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और शर्मा के इस कदम से वीरभद्र सिंह को जबरदस्त झटका लगा है जिन्हें पिछले ही हफ्ते पार्टी का चुनावी चेहरा घोषित किया गया था।

शर्मा ने आरोप लगाया है कि उन्हें और उनके पिता को कांग्रेस पार्टी ने दरकिनार और नजरअंदाज किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति एआईसीसी के महासचिव ने मंडी में राहुल गांधी की रैली में सुख राम को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो उनसे रैली में शामिल न होने को कहा गया।

उन्होंने पूछा कि क्या सुख राम कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं। शर्मा ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई किसी भी समिति में मुझो शामिल नहीं किया गया और जब मैंने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरा नाम उच्च स्तर पर हटाया गया है, जिससे मुझे दुख हुआ और मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।

बता दें कि सुख राम ने वर्ष 1962 से नवंबर 1984 तक मंडी सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 1984 में वह लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 1993 में उनके बेटे अनिल शर्मा ने मंडी से जीत हासिल की थी। तब तक दूरसंचार घोटाले में नाम सामने आने पर सुखराम को कांग्रेस से निष्काषित कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस एचवीसी पार्टी बनाई। एचवीसी चुनाव के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल हुई।

जहां एक ओर सुख राम मंडी से जीते वहीं वर्ष 1998 में अनिल शर्मा राज्यसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों में सुखराम हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी से जीतने वाले पार्टी के एकमात्र सदस्य थे। वह मंडी से जीते थे। लेकिन वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

अनिल शर्मा ने वर्ष 2007 और 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मंडी सीट से दुबारा जीत हासिल की थी। इस बार वह बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। शर्मा ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा ‘हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर मैं बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर मोदी जी के सपने को साकार करने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहूंगा।’

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