भोपाल गैंगरेप: हंसते हुए मीडिया के सामने पेश होने वाली महिला आईपीएस अधिकारी का हुआ तबादला

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोचिंग क्लास से लौटते वक्त 19 वर्षीय छात्रा के साथ पांच दिन पहले हुए कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के दो अधिकारियों का कल तबादला कर दिया है, इनमें से एक महिला आईपीएस है।

जिन दो आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है उनमें भोपाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी और भोपाल रेलवे मंडल के जीआरपी की पुलिस अधीक्षक अनीता मालवीय शामिल हैं। बता दें कि, अनीता मालवीय का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें दिख रहा था कि वो गैंगरेप पीड़िता छात्रा के उपर बात करते हुए मीडिया के सामने हंस कर बात कर थी, जिसकी बाद में कांफी अलोचना भी हुई थी।

न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, मध्यप्रदेश गृह विभाग के एक आदेश में कहा गया है कि चौधरी को मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था एवं सुरक्षा के रूप में स्थानांतरण किया गया है, जबकि अनीता का पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के रूप में तबादला किया गया है।

अनीता पर आरोप है कि जब पीड़िता उनके पास अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले की शिकायत दर्ज करवाने आईं थीं, तो वह पीड़िता के प्रति असंवेदनशील थीं। आदेश के अनुसार चौधरी के स्थान पर जयदीप प्रसाद अब भोपाल रेंज के नये महानिरीक्षक होंगे।

बता दें कि, इससे पहले 3 नवंबर को मध्य प्रदेश पुलिस ने इस छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना की प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस थाना प्रभारी सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था और एक नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) को मैदानी ड्यूटी से हटाकर पुलिस मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया था।

इस छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले में जांच के लिये पुलिस उपमहानिरीक्षक सुधीर लाड के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। इस दल में महिला पुलिसकर्मी, फोरेंसिक विशेषग्य के अलावा भोपाल जीआरपी के प्रभारी निरीक्षक को शामिल किया गया है। पुलिस के अनुसार इन अधिकारियों को पीड़िता की प्राथमिकी तब दर्ज करनी थी, जब वह उनके थाने में आई थी। लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया।

उन्होंने बताया कि मीडिया में आयी खबरों, जिसकी पुलिस जांच में पुष्टि हुयी है कि घटनास्थल को लेकर तीन पुलिस थानों के बीच हुए सीमा के विवाद में बलात्कार पीड़ित छात्रा की प्राथमिकी दर्ज करने से मना किया गया। इससे पीड़िता की प्राथमिकी दर्ज होने में लगभग 24 घंटे का विलम्ब हुआ।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित छात्रा 31 अक्तूबर की रात को कोचिंग से वापस घर जाने के लिये रेलवे लाइन के किनारे से हबीबगंज रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी। तभी चार बदमाशों ने रेलवे पुलिया के नीचे ले जाकर कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।

इतना ही नहीं उन्होंने छात्रा की जान लेने की भी कोशिश की, छात्रा शहर में रहकर आईएएस की तैयारी कर रही है। बता दें कि, युवती के माता-पिता दोनों पुलिस में हैं और भोपाल से बाहर पदस्थ हैं।

इस मामले में अंतत: घटना के करीब 24 घंटे बाद पीड़िता की प्राथमिकी हबीबगंज जीआरपी पुलिस थाने में बुधवार शाम को दर्ज की गयी, इसी थाना क्षेत्र में यह घटना हुई थी। इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि चौथे आरोपी राजू की तलाश की जा रही है।

शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) हबीबगंज थाने के एक अधिकारी ने बताया कि भादंवि की धारा 376 डी, धारा 394 और धारा 34 अन्य सम्बद्ध धाराओं में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

छात्रा ने बयां किया अपना दर्द

बता दें कि, इससे पहले रविवार को ही इस दरिंदगी का शिकार हुई छात्रा ने मीडिया के सामने आकर अपना दर्द बयां किया था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। रविवार सुबह समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए पीड़ित छात्रा ने कहा था कि, वह अपने पिता के साथ इस थाने से उस थाने भटकी रही। लेकिन मदद के लिए कोई पुलिसवाला नहीं आया

पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग भी की है। पीड़िता ने कहा कि ऐसे लोगों को जीवित नहीं छोड़ा जाना चाहिए और चारों को चौराहे पर फांसी लगाना चाहिए। पीड़िता में पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी खासा गुस्सा है। उसने कहा कि हबीबगंज टीआई को छोड़कर किसी ने भी उसकी मदद नहीं की, पीड़िता ने बताया कि पुलिसवाले हादसे पर ही सवाल उठा रहे थे।

 

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