PM मोदी के अभियानों को टीवी पर प्रचारित करने वाले अमिताभ बच्चन बने देश के नये ‘राष्ट्रनिर्माता’, राष्ट्रपति कोविंद तो यहीं मानते है। अमिताभ बच्चन को ‘राष्ट्रनिर्माता’ की पदवी दे दी गई है। यह प्रशंसा किसी छोटे-मोटे व्यक्तित्व ने नहीं बल्कि भारत के राष्ट्रपति ने की है वो भी उनके एक विज्ञापन से प्रभावित होकर। आमतौर पर टीवी पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों को छ्दम माना जाता है जिससे की उपभोक्ता को रिझाया जा सके।
अमिताभ बच्चन इन दिनों PM मोदी के अभियानों को टीवी पर बढ़चढ़ कर पेश कर रहे है और देश के लोगों को जागरूक बना रहे है चाहे वो शौचालयों के प्रति उनका कैम्पन हो या फिर ‘स्वच्छता अभियान’। PM मोदी के लिए चलाए जा रहे उनके विज्ञापनों से प्रभावित होकर भारत के महामहिम ने उनको ‘राष्ट्रनिर्माता’ बता डाला।
देश के प्रथम नागरिक का पद संभालने के बाद पहली बार प्रदेश का दौरा कर रहे श्री कोविंद अपने गृह जिले कानपुर देहात में थे। इस मौके पर उन्होंने ईश्वरी गंज में ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम की शुरुआत की और ‘स्वच्छता अभियान’ शुरू करने वाले लोगों को सम्मानित किया।
अमिताभ बच्चन की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन का एक विज्ञापन आ रहा है कि दरवाजा बंद तो बीमारी बंद। ये सुनने में कितना अच्छा लगता है। ये सुनने में ही नहीं करने में भी अच्छा है। लोगों को लगता है कि अमिताभ इतने बड़े कलाकर हैं तो बहुत पैसा लेते होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। वह बिना कुछ लिए इस विज्ञापन को करते हैं। ऐसा काम कोई राष्ट्र निर्माता ही कर सकता है।
अमिताभ बच्चन को हम टीवी पर ‘स्वच्छता’ के बारें ज्ञान देते हुए देखते है लेकिन क्या अमिताभ बच्चन भी यूपी में अस्पतालों में मारे जाने वाले बच्चों को देखते है, या उस पर कुछ कहते है? बढ़ती बेरोजगारों की भीड़ पर वह कुछ नहीं बोलते, असहाय लोगों को गाय के नाम पर मार दिए जाने पर वह मौन है? देश की गिरती विकास दर के आंकड़ो पर वह मौन है। वह बोलते है तो केवल कम्पनियों के उत्पाद बेचने वाले विज्ञापनों में। यह कैसा ‘राष्ट्रनिर्माता’ है और कौन से राष्ट्र का निर्माण कर रहा है?
लेकिन इन सबके बीच हमें अमिताभ बच्चन के मानवीय पक्ष को नहीं भूलना चाहिए। वह गरीबों की मदद करते हुए भी दिखते है। पिछले दिनों ही वह टीवी पर एक विज्ञापन में दिखे थे जिसमें गरीब लोगों के लिए अस्पताल में मुफ्त एयर कंडिशन लगाने की बात करते हुए दिख रहे थे। जिसमें वह कहते है कि अगर आप फला कम्पनी का एयर कंडिशन खरीदते है तो कम्पनी उस रकम में से पूरे 100 रूपये अलग निकाल कर रख देगी और 500 एयर कंडिशन अस्पतालों को मुफ्त देगी।
यानी की पहले देश के लोगों को करोड़ो रुपये के एयर कंडिशन उस कम्पनी से खरीदने होगें तब जाकर वह गरीबों के लिए अस्पताल में 500 एयर कंडिशन लगवाएगी। अमिताभ बच्चन ने इस विज्ञापन को करने से पहले पता नहीं कुछ सोचा था या नहीं लेकिन यह विज्ञापन खूब चला था और उस कम्पनी के एयर कंडिशन भी खूब बिके थे। लेकिन इस बात की अभी तक कोई खबर नहीं है कि अस्पतालों में मुफ्त में एयर कंडिशन लगे या नहीं। शायद राष्ट्र निर्माता इस बात को जानते हो?