उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पिछले दिनों गोकशी का आरोप लगाते हुए भीड़ द्वारा कासिम नाम के एक मुस्लिम शख्स की पीटकर हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बता दें कि हापुड़ में इसी साल 18 जून को गोकशी का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कासिम कुरैसी (45) की पीटकर हत्या कर दी थी। जबकि उसका दूसरा साथी समयुद्दीन (65) नाम के बुजुर्ग को की भी लाठी डंडों से पिटाई कर बुरी तरह घायल कर दिया था।
इस मामले में पीड़ित समयुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोपियों की जमानत रद्द करने तथा लिंचिंग केस का ट्रायल उत्तर प्रदेश से बाहर करवाने की मांग की है। पीड़ित के वकील ने याचिका दाखिल कर मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख सोमवार को तय की है। याचिकाकर्ता की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन होना चाहिए और इस मामले की सुनवाई यूपी से बाहर होनी चाहिए।
‘वो गाय काट रहा था, मैंने उसको काट दिया’
बता दें कि इस मामले में अंग्रेजी समाचार चैनल एनडीटीवी ने एक रिपोर्ट में कई चौंकाने वाला खुलासा किया है। एनडीटीवी ने मॉब लिंचिंग के आरोपियों से जो बातचीत की वह काफी हैरान करने वाली हैं। उत्तर प्रदेश में हापुड़ जिले के बाजेधा खुर्द गांव में NDTV ने जमानत पर बाहर एक आरोपी राकेश सिसोदिया से बातचीत की है। कासिम को पीट-पीटकर मार डालने और समीउद्दीन को घायल करने के मामले में दर्ज FIR के मुताबिक राकेश और 8 अन्य लोग दोनों को लाठी-डंडों से पीटने के मामले में आरोपी हैं।
जबकि कोर्ट में जमानत की मांग करते वक्त राकेश ने कहा कि हमले में उसका कोई रोल नहीं है और वो मौके पर मौजूद ही नहीं था। कोर्ट ने आरोपी की भूमिका पर कोई विचार जाहिर किए बिना ही जमानत दे दी। उसने कहा कि जेल में 5 हफ्तों के दौरान उसने जेल अफसरों कर्मचारियों को भी बड़ी शान से बताया कि उसने क्या किया। राकेश को कोई अफसोस नहीं है। बल्कि मुस्लिम समुदाय के प्रति अपनी नफरत को लेकर गर्व महसूस कर रहा था। ठाठ से बता रहा था कि जेलर के सामने सब कुछ बताया।
बातचीत के दौरान राकेश सिसौदिया ने अपना गुनाह भी कबूल किया। राकेश सिसौदिया ने बताया कि “हां मैंने जेलर के सामने बोला कि वो गाय काट रहे थे, मैंने उसको काट दिया…बात खत्म। सिसोदिया ने आगे बताया कि बताया, “पहली बार मैं जेल गया, मुझे डर लगना चाहिए था। लेकिन मैंने वहां भी खूब धूम मचाई और जेलर ने जाते ही पूछा कि किस केस में आए हो?”
सिसोदिया ने आगे कहा, “मैंने तुरंत कहा 302 और 307, वो गाय काट रहे थे मैंने उसको काट दिया बात खत्म।” सिसौदिया ने बताया कि जब वह बीते हफ्ते जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आया तो लोगों ने हीरो की तरह उसका स्वागत किया। सिसौदिया ने बताया “मुझे 3-4 गाड़ी जेल पर लेने गई थीं। राकेश सिसौदिया जिंदाबाद के नारे लगाए। लोगों ने बाहें फैलाकर मेरा स्वागत किया, मुझे बड़ा गर्व हुआ।”