24 घंटे के अंदर महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड (जदयू) को मंगलवार(8 अगस्त) को हुए गुजरात राज्यसभा चुनाव में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। दरअसल, नीतीश कुमार के फरमान के बावजूद पार्टी के एकमात्र विधायक छोटू वासव ने कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट किया है। जबकि दिनभर जदयू महासचिव केसी त्यागी यह कहते रहे कि उनके विधायक ने बीजेपी को वोट दिया है।इस बीच जदयू से अलग रास्ता अख्तियार करते हुए शरद यादव ने गुजरात में राज्यसभा का महत्वपूर्ण चुनाव जीतने पर बुधवार(9 अगस्त) को अहमद पटेल को बधाई दी। शरद ने ट्वीट कर कड़ी बाधा के बावजूद राज्य सभा के चुनाव में जीत के लिए अहमद पटेल को हृदय से बधाई दी तथा उनकी सफलता की कामना की।
Heartiest congratulations on your victory in Rajya Sabha election in spite of toughest hurdles. Wish you all success in your career. pic.twitter.com/ICNTmq02nY
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) August 9, 2017
हालांकि, शरद ने ट्वीट संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन अपने साथ उनकी तस्वीर लगाई है। उनका यह संदेश ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण है जब जदयू ने बिहार में बीजेपी से हाथ मिला लिया है।
महासचिव अरुण श्रीवास्तव निलंबित
वहीं, दोनों(नीतीश-शरद) के बीच मतभेद का एक नजारा तब दिखा जब मंगलवार को पार्टी के महासचिव अरुण श्रीवास्तव को इस आधार पर निलंबित कर दिया गया कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश के बाबजूद गुजरात राज्यसभा चुनाव में अपनी मर्जी से पोलिंग एजेंट बहाल किया। बता दें कि अरुण, शरद यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।
इस खेल को समझाते हुए जदयू ने कहा कि शरद के करीबी रहे अपनी पार्टी के नेता अरुण श्रीवास्तव को गुजरात में संपन्न कराए जा रहे राज्यसभा चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर को चुनाव एजेंट नियुक्ति के लिए अनधिकृत रूप से पत्र लिखे जाने को लेकर उन्हें पार्टी के महासचिव पद से मुक्त कर दिया गया।
इस संबंध में श्रीवास्तव को पत्र जदयू के प्रधान सचिव के सी त्यागी द्वारा मंगलवार को सौंपा गया था। त्यागी ने श्रीवास्तव को लिखे पत्र में उनसे कहा था आपसे हुई वार्ता में आपने स्वीकार किया कि गुजरात के राज्य सभा चुनाव के अफसर को आपने चुनाव एजेंट नियुक्ति संबंधी एक पत्र लिखा है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि आपको पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा ऐसे किसी निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। इस स्थिति में आपका यह कृत्य पार्टी विरोधी धोखाधड़ी एवं अनुशासन भंग करने वाला है।श्रीवास्तव से त्यागी ने आगे कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष (जदयू) ने इसे गंभीर घटना मानते हुए आपको पार्टी के महासचिव पद से विमुक्त कर दिया है।
जनता से करेंगे संवाद
इस बीच विक्षुब्ध शरद जो कि बिहार से राज्यसभा सदस्य हैं, नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोडकर बिहार में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के साथ हाथ मिलाने पर नाराज चल रहे हैं। इस बीच महागबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) को मिले जनादेश को लेकर जनता से सीधे संवाद के लिए कल(गुरुवार) से तीन दिवसीय दौरे पर बिहार जा रहे हैं।
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) August 8, 2017
शरद ने अपने ट्विटर संदेश में आगामी 10 अगस्त से 12 अगस्त तक के सडक मार्ग से बिहार के विभिन्न जिलों के अपने इस दौरे के दौरान जनता के साथ संवाद का जिक्र करते हुए बताया है कि आगामी 10 अगस्त को पटना, सोनपुर और मुजफ्फरपुर की यात्रा करेंगे। अगले दिन मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और अपनी यात्रा के अंतिम दिन मधुबनी, सुपौल, सहरसा व मधेपुरा की यात्रा करेंगे।
बता दें कि जदयू के दो अन्य सांसद अली अनवर और एम पी वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के इस निर्णय को लेकर पूर्व में नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। इस बीच जदयू ने शरद की इस यात्रा से दूरी बनाते हुए बुधवार को कहा कि उसका उनकी इस यात्रा से कुछ भी लेना देना नहीं है। जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने शरद की इस बिहार यात्रा को उनकी व्यक्तिगत यात्रा बताते हुए केवल इतना कहा कि उन्होंने अपनी राह बदल ली है।