उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को दिल्ली हाई कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सोमवार को मुख्तार अंसारी को हिरासत में पैरोल (कस्टिडी पैरोल) देने के निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दी। वह बहुजन समाज पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे और जेल में रहेंगे।
बता दें कि निचली अदालत से उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए 15 दिन की पैरोल मिली थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंसारी को पैरोल दिलाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल व सलमान खुर्शीद कोर्ट में पैरवी कर रहे थे। अंसारी पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं जिसके चलते वह लंबे समय से जेल में बंद थे।
मुख्तार अंसारी ने हाल ही में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे और वो मऊ सदर विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याथी हैं।उन्हें सीबीआई अदालत ने 4 मार्च तक की कस्टिडी पैरोल दी थी। हालांकि उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग की याचिका पर गौर करते हुए 17 फरवरी को इस आदेश के पालन पर रोक लगा दी थी।
#DelhiHC sets aside trial court order granting custody parole to MLA #MukhtarAnsari for canvassing in #UPpolls.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 27, 2017
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयोग का यह भी कहना था कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी अंसारी परोल मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और वह समाज के लिए गंभीर खतरा हैं। आयोग की बात मानते हुए अदालत ने मुख्तार का परोल रद्द कर दिया। ऐसे में एक बार फिर उन्हें जेल में रहकर ही चुनाव लड़ना होगा।