चीन ने कड़ाके की ठंड में भी डोकलाम के पास बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात रखने के दिए संकेत

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पिछले दिनों भारतीय सेना के दखल के बाद डोकलाम इलाके में सड़क बनाने में नाकाम रही चीनी सेना ने गुरुवार (30 नवंबर) को संकेत दिया कि सर्दियों में वह डोकलाम तनातनी के पास वाले इलाके में अपने सैनिकों की सीमित संख्या को बनाए रखेगी। भारत के साथ करीब दो महीने तक रही तनातनी के बावजूद चीन डोकलाम से अपना दावा नहीं छोड़ रहा है।न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी फौज ने सर्दी में भी डोकलाम के पास बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात रखने के संकेत दिए हैं। विवादित क्षेत्र होने के बावजूद वह उसे अपना मान रहा है। डोकलाम में जिस जगह पर विवाद हुआ था, उसके पास कड़ाके की ठंड में भी बड़ी संख्या में चीनी सैनिक तैनात रह सकते हैं।

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद 73 दिनों के बाद 28 अगस्त को सुलझा था। भारत के दबाव के बाद चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने विवादित क्षेत्र में सड़क निर्माण रोक दिया था। यह जगह सामरिक रूप से भारत के लिए महत्वपूर्ण है। यह इलाका पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाले गलियारे के काफी करीब है।

भूटान भी डोकलाम क्षेत्र को अपना हिस्सा बताता है। ऐसे में भारत ने PLA द्वारा सड़क बनाए जाने का कड़ा विरोध किया था। उसने कहा था कि यह संकरे गलियारे (चिकन नेक) की सुरक्षा को खतरे में डालता है। पहले चीन और भारत दोनों देश सर्दी के मौसम में अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों को हटा लिया करते थे। लेकिन इस बार चीन ने बड़ी तादाद में सैनिकों को तैनात रखने के संकेत दिए हैं।

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु शियान ने कहा कि डोकलाम चीन का हिस्सा है। उनसे उन खबरों के बारे में पूछा गया था, जिसमें कहा गया था कि डोकलाम विवादित क्षेत्र में PLA अच्छी-खासी संख्या में सैनिकों की तैनाती किए हुए है। इस पर मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सर्दी के मौसम में सैनिकों की तैनाती को लेकर हम फैसला करेंगे।

डोकलाम के निकट यातुंग के पास चीनी सैनिकों की लगातार मौजूदगी को देखते हुए भारत ने भी कथित तौर पर वहां अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है। अधिकारियों ने बताया कि यह साफ नहीं है कि 17 नवंबर को भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार-विमर्श के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी या नहीं।

इस बैठक में भारत-चीन सीमा के सभी क्षेत्रों पर हालात की समीक्षा की गई थी और विश्वास बहाली के उपायों और सैन्य संपर्क बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ था। खास बात यह है कि डोकलाम विवाद के बाद यह पहली बैठक थी। यह पूछे जाने पर कि डोकलाम जैसे संकट को टालने के लिये क्या दोनों पक्षों ने दोनों सेनाओं के बीच हॉटलाइन स्थापित करने की दिशा में कोई कदम बढ़ाया है तो चीनी प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष इस मुद्दे पर संपर्क में हैं।

28 अगस्त को समाप्त हुआ था विवाद

गौरतलब है कि इसी साल 16 जून को चीनी सैनिकों के डोकलाम में भूटान की सीमा पर अतिक्रमण का भारतीय सैनिकों ने जोरदार विरोध किया था। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी और दोनों ने बड़ी संख्या में इस इलाके में अपने सैनिक तैनात कर दिए थे। हालांकि 73 दिन बाद यह तनातनी 28 अगस्त को समाप्त हो गई थी। इस दौरान दोनों देशों की ओर से कहा गया था कि वह इलाके में शांति और स्थिरता के लिए बातचीत करेंगे।

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