सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ पर कथित विवादित टिप्पणी लिखने के मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को तुरंत जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने आरोपों को रद्द नहीं किया, लेकिन कहा कि जेल में रखना उचित नहीं। हम उस देश मे रह रहे हैं, जहां संविधान का शासन है। सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई।
जस्टिस इंदिरा बैनर्जी और अजय रस्तोगी की बैंच ने उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा कि प्रशांत के ट्वीट को सही नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसके लिए उसे जेल में कैसे डाल सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि किसी नागरिक की आजादी के साथ समझौता नहीं हो सकता। ये उसे संविधान से मिली है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर उन्हें किन धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है? सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने के मामले में यूपी पुलिस से उदारता दिखाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘नागरिक की स्वतंत्रता पवित्र और नॉन- निगोशिएबल है। यह संविधान इसकी गारंटी देता है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।’
शीर्ष अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट के चलते किसी को 11 दिन जेल में नहीं रखा जा सकता। यह कोई हत्या का मामला नहीं है, इसलिए प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा, ‘प्रशांत कनौजिया ने जो शेयर किया और लिखा, इस पर यह कहा जा सकता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। लेकिन, उसे गिरफ्तार किस आधार पर किया गया था?’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर एक ट्वीट के लिए उनको गिरफ्तार किए जाने की क्या जरूरत थी।
Supreme Court orders immediate release of freelance journalist, Prashant Kanojia who was arrested by UP Police for 'defamatory video' on UP Chief Minister. pic.twitter.com/OTr47uEVSu
— ANI (@ANI) June 11, 2019
पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
बता दें कि प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए इस गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। उनकी अर्जी में कहा गया है कि पत्रकार पर लगाई गईं धाराएं जमानती अपराध में आती हैं। ऐसे मामले में कस्टडी में नहीं भेजा जा सकता। गौरतलब है कि प्रशांत कनौजिया पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक टिप्पणी करने का आरोप है।
योगी के खिलाफ पोस्ट के बाद हुई थी गिरफ्तारी
पत्रकार कनौजिया ने ट्विटर और फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें एक महिला मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर विभिन्न मीडिया संगठनों के संवाददाताओं के समक्ष यह दावा करती दिख रही है कि उसने आदित्यनाथ को शादी का प्रस्ताव भेजा है। उत्तर प्रदेश के हजरतगंज पुलिस थाने में शुक्रवार रात को एक उपनिरीक्षक ने कनौजिया के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया है कि आरोपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की।
सीएम योगी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने को लेकर पत्रकार को हजरतगंज पुलिस ने शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए पत्रकार का नाम प्रशांत जगदीश कनौजिया है और उन्हें शनिवार को उनके दिल्ली स्थित घर से गिरफ्तार करके यूपी का राजधानी लखनऊ ले जाया गया। इस संबंध में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है और प्रशांत कनौजिया पर आईटी एक्ट की धारा 67 और मानहानि की धारा (आईपीसी 500) लगाई गई है।