अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी सांसद शशि थरूर के एक गलत ट्वीट को लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने सुधारा। दरअसल, गलती से 21 जुलाई को मशहूर शायर मिर्जा गालिब का 220वां जन्मदिन मानते हुए शशि थरूर ने रविवार को एक शायरी पोस्ट की और जब उन्हें पता चला कि इस तारीख को मिर्जा गालिब का जन्मदिन नहीं है तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से गलती स्वीकार की।
रविवार सुबह कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा, “खुदा की मोहब्बत को फना कौन करेगा? सभी बंदे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा? ऐ खुदा, मेरे दोस्तों को सलामत रखना, वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा। और रखना मेरे दुश्मनों को भी महफूज, वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा।” थरूर ने आगे लिखा कि मिर्ज़ा ग़ालिब की 220वीं सालगिरह। कितने महान शेर।
ख़ुदा की मोहब्बत को फ़ना कौन करेगा?
सभी बन्दे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा?
ऐ ख़ुदा मेरे दोस्तों को सलामत रखना
वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा
और रखना मेरे दुश्मनों को भी महफूज़
वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा…!!!
Mirza Ghalib’s 220th birthday. So many great lines….— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 20, 2019
इस पोस्ट के बाद तमाम लोगों ने उन्हें बताया कि आपने जो शायरी पोस्ट की है, ना वो गालिब की लिखी पंक्तियां हैं और ना ही आज गालिब का जन्मदिन है। जिन लोगों ने थरूर को यह जानकारियां दीं, उनमें मशहूर गीतकार जावेद अख्तर भी शामिल थे।
शशि थरूर को उनकी गलती बताते हुए जावेद अख्तर ने लिखा, “शशि जी जिस भी शख्स ने आपको यह लाइन्स दी हैं, उसपर दोबारा भरोसा नहीं करना चाहिए। यह स्पष्ट है कि किसी ने आपकी साहित्यिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए आपसे इन लाइन्स का इस्तेमाल कराया है।”
Shashi ji , who ever has given you these lines should never be trusted again . It is obvious that some one had planted these lines in your repertoire to sabotage you literary credibility .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 20, 2019
हालांकि बाद में शशि थरूर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने माफी मांगी। थरूर ने ट्वीट कर कहा, ‘गालिब जी मेरे ऑल टाइम फेवरिट हैं, लेकिन आज उनका जन्मदिन नहीं है। मुझे गलत जानकारी दी गई, लेकिन फिर भी इन पंक्तियों का आनंद लें।’
थरूर ने आगे अपने ट्वीट में जावेद अख़्तर को टैग करते हुए लिखा, ‘जावेद अख्तर जी और मेरे अन्य दोस्तों का शुक्रिया, जिन्होंने मुझे मेरी गलती का एहसास कराया। जिस तरह हर अच्छा कोट विंस्टन चर्चिल से जोड़ दिया जाता है, भले ही वह उनका ना हो ठीक उसी तरह जो भी शायरी लोगों को ज्यादा पसंद आ जाती है लोग उसका क्रेडिट मिर्जा गालिब को दे देते हैं। मैं माफी मांगता हूं।’
Thanks to @Javedakhtarjadu & other friends, I realize I've been had. The lines are not Ghalib's. Just as every clever quote is attributed to Winston Churchill even if he never said it, so it seems that whenever people like a shayari, they credit Ghalib for it! Apologies.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 21, 2019