दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख सुभाष चोपड़ा ने बुधवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 15 विधायकों ने उनसे टिकट के लिए संपर्क किया है। इन विधायकों को फिर से नामांकन का मौका नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ आप अपने अच्छे कामों का बखान कर रही है और दूसरी तरफ जिन्होंने यह अच्छा काम किया, उन्हें फिर से टिकट से इनकार कर दिया गया है।
दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख सुभाष चोपड़ा ने कहा कि, “अगर आप को अपने काम पर भरोसा है तो वह अपने सभी विधायकों को फिर से अवसर क्यों नहीं दे रही है। वह अपने विधायकों के अच्छे कार्यो का यह पुरस्कार दे रही है।” दिल्ली में आठ फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 11 फरवरी को घोषित होंगे।
बता दें कि, आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा के लिए सभी 70 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में 24 नए चेहरे शामिल हैं जबकि 15 मौजूदा विधायकों के नाम सूची में नहीं हैं। अभी कांग्रेस और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की एक भी लिस्ट जारी नहीं की है।
दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। हालांकि, कांग्रेस की स्थिति भी पिछले चुनाव के मुकाबले मज़बूत लग रही है। 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) को रिकॉर्ड जीत मिली थी, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर जीत प्राप्त की थी और 3 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी, कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
हालांकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत हुई थी और वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी जबकि आम आदमी पार्टी (आप) तीसरे नंबर पर खिसक गई थी। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)