रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन वाले लेख पर वरुण गांधी के बचाव में आए दिग्विजय सिंह

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म्यांमार से आए मुस्लिम रोहिंग्या शरणार्थियों के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी द्वारा लिखे गए लेख पर जारी घमासान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह उनके समर्थन में उतर आए हैं। दिग्विजय ने ट्वीट करके कहा है कि वरुण गांधी बीजेपी में फिट नहीं बैठते हैं। बता दें कि बीजेपी सांसद ने अपने लेख में रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन करते हुए कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को यूं न ठुकराएं जाए।दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री द्वारा आलोचना किए जाने के बाद बुधवार (27 सितंबर) सुबह एक ट्वीट के माध्‍यम से वरुण गांधी का बचाव करते हुए कहा कि कहा कि वरुण गांधी बीजेपी में फिट नहीं बैठते। साथ ही उन्‍होंने यह भी लिखा कि वरुण गांधी नेहरु-गांधी परिवार के वंशज हैं और वैसी ही उनकी विचारधारा भी हैं।

बता दें कि बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने नवभारत टाइम्स मेें लिखे अपने लेख में अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत को रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देना जारी रखना चाहिए। उन्होंने इसके लिए परंपरा का भी हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि आतिथ्य सत्कार और शरण देने की परंपरा का पालन करते हुए रोहिंग्याओं को शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने वरुण गांधी के देशभक्ति पर उठाए सवाल

वरुण गांधी के लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने उनकी आलोचना करते हुए उनकी देशभक्ति पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि जो लोग राष्ट्रहित को ध्यान में रखतें हों, उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। अहीर ने मंगलवार(26 सितंबर) को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह के बयान नहीं देगा।

वरुण गांधी ने दी सफाई

हालांकि, विवाद बढ़ता देख बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने लेख को लेकर सफाई दी है। वरुण ने ट्वीट कर लिखा है हमें शांतिपूर्ण उपायों से अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उन्हें स्वेच्छा से घर वापसी में मदद करनी चाहिए। आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।

दरअसल, न्यूज पेपर नवभारत टाइम्स में “रोहिंग्या शरणार्थियों को यूं न ठुकराएं” शीर्षक से लिखे एक लेख में बीजेपी सांसद ने इस मामले में लिखा है, “हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए।” बता दें कि केंद्र सरकार ने रोहिंग्या शरणार्थियों को अवैध और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए भारत से वापस भेजने की योजना पर 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में 16 पन्नों का एक हलफनामा दायर किया है।

बीजेपी सांसद आगे कहते हैं, “भारत ने शरणार्थियों को लेकर बहुत सी मानवाधिकार संधियों (आईसीसीपीआर, आसीईएससीआर, सीआरसी, आईसीईआरडी, सीईडीएडब्ल्यू) पर हस्ताक्षर किया है। सभी संधियों में उन्हें वापस न भेजने का संकल्प दोहराया गया है लेकिन ऐसे संकल्पों का पालन करने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई कानून नहीं बनाया गया है।”

“शरण देना जारी रखें”

बीजेपी सांसद ने लेख के आखिरी में लिखा है, “जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़ कर मकान मालिकों और स्थानीय असोसिएशनों को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। शरणार्थी समुदायों के प्रति समर्थन, युवाओं के बीच वर्कशॉप में उनकी भागीदारी और महिला सशक्तीकरण के लिए उठाए कदमों से उनकी स्वीकार्यता की राह आसान होगी।”

उन्होंने आगे लिखा है, “हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए। स्वाभाविक रूप से अधिकांश शरणार्थी अपने घर लौटना चाहेंगे। हमें शांतिपूर्ण उपायों से अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उन्हें स्वेच्छा से घर वापसी में मदद करनी चाहिए। आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।”

 

 

 

 

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