121 साल की उम्र में स्वामी शिवानंद ने पहली बार दिया वोट

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अपने आप में यह अचरज ही है कि किसी व्यक्ति की उम्र 121 वर्ष हो जाए और वह पहली बार मतदान करने इस बार के विधानसभा चुनाव में पहुंचे। जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश के सबसे उम्रदराज स्वामी शिवानंद ने 121 वर्ष की आयु में पहली बार मतदान किया।

फोटो: NBT

स्‍वामी शिवानंद ने सातवें और आखिरी दौर में बुधवार(8 मार्च) को काशी के दुर्गाकुंड स्थित मतदान के दिन केंद्र में अपनी जीवन में पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल किया। स्‍वामी शिवानंद का कहना है कि वह मौजूदा मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं और अपने भक्‍तों के आग्रह पर मतदान करने गए।

दैनिक जागरण की इस रिपोर्ट के मुताबिक, स्वामी शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को अविभाजित बंगाल में श्रीहट जिले के हरिपुर गांव में हुआ था। पिता श्रीनाथ ठाकुर व माता भगवती देवी ने गरीबी के कारण उन्हें चार वर्ष की उम्र में ही नवद्वीप, बंगाल के ओंकारानंद गोस्वामी को दान कर दिया। छह वर्ष की उम्र में ही माता व पिता का देहांत एक ही दिन में हो गया।

वहीं, इससे एक सप्ताह पूर्व बड़ी बहन आरती का भी देहांत हो चुका था। इसके बाद बाबा ने अपने गांव की ओर रूख नहीं किया। वे 1979 से लगातार काशी में वास कर रहे हैं। उन्होंने कबीर नगर स्थित अपने आश्रम में ही बाबा काशी विश्वनाथ की स्थापना की है। उनका मानना है कि बाबा विश्वनाथ के लिए मुङो कहीं जाने की जरूरत नहीं है।

शिवानंद बाबा के पास अपनी उम्र से जुड़े प्रमाणपत्रों में पासपोर्ट, आधार कार्ड और वोटर आई कार्ड है। अपनी लंबी आयु के राज के बारे में स्‍वामी शिवानंद का कहना है कि वह तेल, मसाले खाने से पूरी तरह से परहेज करते हैं। उन्‍होंने अभी तक शादी भी नहीं किया है।

शिवानंद बाबा ने बताया कि वह देश के सिस्‍टम से नाराज थे, इसलिए आज के पहले कभी मतदान का इस्तेमाल नहीं किया था। हालांकि, शिवानंद बाबा को देखकर किसी को उनके उम्र पर यकीन नहीं हो सकता, लेकिन उनके पासपोर्ट और आधारकार्ड को देखने के बाद आपको यकीन करना ही पड़ेगा।

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