मोदी सरकार ने गाय के मूत्र से होने वाले फायदों को जानने के लिए केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है। इसके अलावा कमेटी में सरकार की विभिन्न विज्ञान संबंधी संस्थाओं के प्रमुखों को सदस्य के रूप में इस कमेटी में शामिल किया गया है।
भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने “नेशनल स्टीयरिंग कमिटी” का गठन किया है। जिसमें पंचगव्य के महत्व का अध्ययन किया जाना है। आपको बता दे कि पंचगव्य गाय के गोबर, गोमूत्र, गाय के दूध, गाय के दूध की दही, गाय के दूध के घी, जल और तीन अन्य पदार्थों से बना मिश्रण होता है।
इसके अलावा कमेटी पंचगव्य से जुड़े रिसर्च प्रोजेक्ट का चयन, निर्देशन और समीक्षा भी करेगी। इस बारें में वज्ञान और तकनीक विभाग (डीएसटी) के मुताबिक कमेटी का उद्देश्य इस पर “वैज्ञानिक पुष्टि और शोध” करना होगा साथ ही कमेटी नतीजों से मिलने वाले लाभ के लिए बजट भी उपलब्ध करायेगी।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक विभाग ने कमेटी के सदस्यों को जो नोट भेजा है उसे “मल्टी-डिसिप्लिनरी प्रोग्राम” बताया गया है। इस प्रोग्राम में सरकारी संस्थानों और शैक्षिणिक संस्थानों की भागीदारी होगी जिसका लक्ष्य भारतीय गाय के वैज्ञानिक विलक्षणता की वैज्ञानिक पुष्टि करना होगा। केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को इस कमेटी की अध्यक्षता की जिम्मेदारी दी गई हैं।