केजरीवाल का एलजी के बहाने केंद्र सरकार पर हमला कहा, आप जीते, हम सब हारे; अब कर दे फाइल पर साईन

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दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल की नियुक्ति को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच विवाद और बढ़ गया| गुरुवार को केजरीवाल ने एलजी की चिट्ठी का जवाब भेजते हुए कहा कि “अगर एक व्यक्ति अपने आप को ही सरकार मानने लगेगा, तो फिर तो दिल्ली में तानाशाही आ जाएगी”।

केजरीवाल ने अपने ख़त में व्यंगात्मक रूप से कहा “प्रधानमंत्री जी आप जीते, और हम सब हारे, अब आप फाइल पर साइन करके महिला आयोग को फिर से चालू करवा दीजिए”

गौरतलब है की ये पूरा मामला मंगलवार को एलजी का स्वाति मालीवाल का महिला आयोग की मुखिया के रूप में नियुक्ति को गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद से बढ़ा| दिल्ली सरकार को लिखी चिट्ठी पर एलजी ने दिल्ली में ‘सरकार’ का मतलब ‘ राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए उपराज्यपाल’ को बताया|

जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया और केजरीवाल के एलजी को लिखे अपने जवाब में कहा कि उन्हें पता चला है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर उपराज्यपाल ने महिला आयोग को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने दिल्ली की ऐंटी-करप्शन ब्रांच को भी निष्क्रिय कर दिया था।

उन्होंने एलजी को लिखे अपने अपने ख़त में कहा “महिला आयोग कानून में लिखा है कि दिल्ली सरकार को दिल्ली महिला आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करने का पूरा अधिकार है, लेकिन उपराज्यपाल का कहना है कि वह खुद ही दिल्ली सरकार हैं। यह कैसे हो सकता है? एक व्यक्ति अपने आप को सरकार कैसे कह सकता है? ऐसे तो दिल्ली में तानाशाही आ जाएगी”।

केजरीवाल ने कहा कि इससे जयादा हास्यास्पद बात और कोई नहीं हो सकती। भारत एक जनतंत्र है और दिल्ली में चुनी हुई सरकार है। जाहिर है कि दिल्ली सरकार का मतलब ‘चुनी हुई सरकार’ से है, न कि एक व्यक्ति विशेष से।

केजरीवाल ने लिखा है कि असल में एलजी खुद ये सब नहीं कह रहे, बल्कि प्रधानमंत्री के इशारे पर यह सब उनसे कराया जा रहा है। यहां तक कि केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय भी प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने बेबस होता जा रहा है।

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री का महिला आयोग को बंद कर देना बहुत ही गलत कदम है। उपराज्यपाल का आदेश है कि महिला आयोग के गठन की फाइल पर उनकी मंजूरी ली जाए। केजरीवाल ने कानून और संविधान का हवाला देते हुए कहा है कि महिला आयोग का मामला पूरी तरह से उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर का है, इसलिए उपराज्यपाल का महिला आयोग के दफ्तर को बंद करवा के दिल्ली सरकार के जबर्दस्ती फाइलें मंगवाना बिल्कुल गैर कानूनी और असंवैधानिक है। केजरीवाल ने इसे ‘ब्लैकमेलिंग’ तक करार दिया।

उन्होंने कहा कि महिला आयोग का सुचारू रूप से चलना जनता के लिए ज्यादा जरूरी है, क्योंकि इस वक्त दिल्ली में चारों तरफ महिलाओं के साथ अपराध और अन्याय हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नया महिला आयोग पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाएगा। केजरीवाल ने आशंका जताई कि असल में इस पूरी कवायद के पीछे उन्हें यही लग रहा है कि प्रधानमंत्री एलजी के जरिये दिल्ली सरकार को अपने सामने झुकाना चाहते हैं, लेकिन हमारे लिए यह अहम की लड़ाई नहीं, बल्कि बेहद संवेदनशील मामला है।

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