25 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर उनके द्वारा शुरू की जाने वाली बिजली परियोजनाओं के शिलापट्ट पर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी नाम रहेगा। इससे पहले केंद्रीय उर्जा मंत्रालय और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के लिए द्वारा जारी शिलापट्ट का जो प्रारूप तैयार किया था, उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम नहीं था| जिसके बाद ये पूरा मामला तूल पकड़ने लगा| मामले की गंभीरता को देखते हुए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय हरकत में आया और नीतीश का नाम जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने वाले शिलापट्टों पर मेरा नाम रहे या नहीं रहे, मुझे चिंता नहीं है। अगर प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रमों में शामिल होने का निमंत्रण देंगे तो मैं शिरकत करूंगा। वे नहीं बुलाते हैं, तो मैं हवाई अड्डे पर जाकर उनका स्वागत करूंगा। अभी तक मुझे पेट्रोलियम मंत्रालय के कार्यक्रम का निमंत्रण मिला है। बाकी का आमंत्रण भी मिलेगा तो जरूर शामिल होऊंगा।
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्र के इस कारनामे को संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताया। बोले-जिस पार्टी को देश, संविधान से कोई मतलब नहीं है, उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है?
भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चुनावी लाभ और शिलापट्टों पर नाम अंकित कराने के लिए नीतीश आधे-अधूरे निर्माण के बावजूद उद्घाटन का फीता काटने के लिए बेताब हैं। जनता इससे प्रभावित होने वाली नहीं है। उनका विकास पुरुष बनने का ढोंग उजागर हो चुका है।