लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विधानसभा में विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में राजनीति में वंशवाद को सही बताते हुए उसकी जोरदार वकालत की| उन्होंने कहाँ की अगर किसी राजनेता का बेटा राजनीति में आये तो इसमें कुछ ग़लत नहीं है| उन्होंने यहाँ तक भी कहाँ की अगर एक मीडिया कुछ भी लिखता है तो उन्हें लिखने दे, आप उनकी परवाह न करे| उन्होंने नयी पीढ़ी के लोगो की तारीफ़ करते हुए कहाँ की ये अच्छी सोच वाले है|
उन्होंने यहाँ तक भी कह दिया की अगर इंजिनियर का बेटा इंजिनियर, डॉक्टर का बेटा डॉक्टर और उद्योगपति का बेटा उद्योगपति बनता है तो राजनेता का बेटा भी राजनेता बन सकता है|
इससे पहले भी मोदी सरकार के एक मंत्री विजय सांपला ने वंशवाद की वकालत करते हुए कहा की हम वंशवादी राजनीति के खिलाफ नहीं है| उन्होंने कहाँ था की अगर कोई व्यक्ति योग्य और काबिल हो तो उसका राजनीति में आना ग़लत नहीं है|
आपको याद होगा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही वंशवाद को अपना चुनावी हथियार बना के कांग्रेस को आड़े हाथों लेती आई है| उन्होंने कांग्रेस में फैले वंशवाद को देश के लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए राहुल गाँधी को शहजादा तक की संज्ञा दे डाली थी|
मोदी ने अपने सभी चुनावी रैलियों के दौरान भी वंशवादी राजनीति का जोरदार विरोध किया था. खासतौर पर इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला और उनके परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का जिक्र करते हुए उन्होंने वंशवादी राजनीति का विरोध किया था|
एक ओर मोदी राजनीति में वंशवाद के खिलाफ़ मोर्चा खोले खड़े है और एक ओर उन्ही के मंत्री और लोकसभा के अध्यक्ष वंशवाद का समर्थन करते नज़र आ रहे है|
महाजन ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के एक नियम की जमकर तारीफ की, जिसमें गर्भगृह में आने पर विधायक स्वमेव निलंबित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोकसभा में इस नियम को लागू करने पर विचार करेंगी।
अपने दीर्घ संसदीय जीवन के आधार पर उन्होंने सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों के विधायकों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराया। महाजन ने कहा कि सदन में विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए उसका मजबूत होना जरूरी है। लोकतंत्र में यह भी जरूरी है कि विपक्ष का आचरण कैसा हो। हर बात पर जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाना ठीक नहीं। आचरण ठीक न होने पर उसे बर्खास्त भी किया जा सकता है।