एक ओर जहाँ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के मंत्रियो और मुख्यमंत्रियों से जुड़े विवादों को लेकर संसद के मानसून सत्र में घमासान की स्तिथि बनी हुई है, वहीँ 80 साल के बीजेपी वरिष्ठ पार्टी मेम्बर व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने सत्ताधारी पार्टी के विवादों से जुड़े होने और उससे पार्टी की छवि को लेकर हो रहे नुक्सान से बचने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा है|
काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश से सांसद रह चुके 80 साल के कुमार ने अभी हाल ही के विवादों और उससे पार्टी को होने वाले नुक्सान को लेकर पार्टी को चेताया है, और कहा की “पार्टी में एक आचरण समिति हो जो की लोकपाल की तरह भ्रष्टाचार से लड़े”|
सीनियर पार्टी सांसद कुमार ने अपने पत्र में बीजेपी शासित राज्य मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाले को लेकर कहा की “इसने हम सभी के सर शर्म से झुका दिए है”|
उन्होंने अपने पत्र में बिना किसी का नाम लिए महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे से जुड़े घोटाले और राजस्थान में वसुंधरा और ललित मोदी विवाद का भी जिर्क किया और कहा की हमें “लोकपाल” की जरुरत है “जो सरकार के वरिष्ठ नेताओं पर नज़र बनाये रखे”|
शांता कुमार, अटल बिहारी वाजपेयी की बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे| उन्होंने ये पत्र 10 जुलाई को पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को लिखा लेकिन एक शाम पहले ही उन्होंने इसे फेसबुक पर भी शेयर किया|
उन्होंने अपने पत्र में कहा की “हम बड़े ही गर्व के साथ सत्ता में आये और सरकार बनाई| इस 1 साल के दौरान हमने बहुत ही अच्छे काम किये और हमारी उपलब्धियाँ भी रही, लेकिन जब इन उपलब्धियों को भुनाने का वक़्त आता है तो इन सभी विवादों के कारण सब पीछे रह जाता है”|
“राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक लोग हम पर उंगलियाँ उठा रहे है, जिसके कारण हमारे बीजेपी के कार्यकर्ताओं को काफी निराशा का सामना करना पड़ रहा है”
शांता कुमार पार्टी के पहले ऐसी व्यक्ति है जिन्होंने पार्टी में चल रही अंदरूनी स्तिथि को लेकर पार्टी के खिलाफ़ आवाज़ उठाई और चेताया की अगर अभी भी कुछ बदलाव नहीं किये गए, तो इससे पार्टी को काफी नुक्सान का सामना करना पड़ सकता है|