एक तरफ जहां देश में आये दिन हिंदु मुसलमान के नाम पर साम्प्रदायिक तनाव की खबरें आरही हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जो इन सब चीज़ों से अलग ही अपना इंसानियत का धर्म निभा रहे हैं। दिल्ली के हरिनगर में हुई रामलीला में सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया है। रोमा हैदर ख़ान एक 19 वर्षीया मुसलमानी महिला रामलीला में सीता का किरदार निभा रही हैं।
रोमा ने कहा, “अगर कोई मुझसे कहेगा कि मैं सीता का किरदार नहीं कर सकती क्योंकि मैं एक मुसलमान हूं, तो मैं उससे कहूंगी कि क्यों नहीं कर सकती हूं, सबसे पहले मैं एक इंसान हूं।”
सिर्फ इतना ही नहीं इस रामलीला में ‘राम’ हिन्दू बने हैं लेकिन ‘हनुमान’ बने है ईसाई और रावण का किरदार एक सिख निभा रहे हैं।
पत्राचार में स्नातक की पढ़ाई कर रहीं रोमा ने आगे कहा कि, “घरवाले और दोस्त बहुत ख़ुश हुए कि मैं मां सीता का किरदार निभा रही हूं। कुछ दोस्तों ने ज़रूर एतराज़ किया था पर उनको मैंने कहा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है। ”
रावण का किरदार निभा रहे सुरिंदर सिंह का कहना है कि उनके दोस्तों ने उनको कई बार इसके लिए टोका था, “मेरे घरवाले और दोस्त अक्सर मुझसे कहते हैं कि ऐसा कब तक चलेगा? मैं कहता हूं जब तक ऊपरवाले की मर्ज़ी है तब तक।”
रामलीला समिति के अध्यक्ष रिपुदमन कौशिक से जब पूछा गया कि क्या वह कभी मुसलमान धर्म के लिए कोई कार्यक्रम करेंगे या उसका संचालन करेंगे? तब उन्होंने कहा, “मैं ज़रूर करता पर मुझे मुसलमान धर्म के बारे में ज़्यादा पता नहीं है जिसकी वजह से मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा। ”
यहीं नहीं सबसे ख़ास बात ये है कि इस रामलीला में राम, सीता, हनुमान और रावण का किदार निभा रहे सभी लोग पूरी नवरात्रि न तो मांस खातें हैं और न ही शराब पीते हैं।