प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मीडिया के लिए विश्वसनीयता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। मीडिया प्रतिष्ठानों के लिए इसे बनाए रखना जरूरी है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की ओर आयोजित रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड्स समारोह में देश के 37 बेहतरीन खबरनवीसों को पुरस्कार प्रदान करने के बाद मोदी ने कहा कि पहले वाजिब प्रशिक्षण और योग्यता के साथ लोग पत्रकारिता में आते थे। लेकिन अब मोबाइल फोन से कोई भी तस्वीर लेकर उसे अपलोड कर सकता है।
हमें दुनिया में अपनी भूमिका निभाने के लिए विश्वस्तरीय प्रभाव दिखाना होगा। यही हमारा ख्वाब होना चाहिए।
गोयनका ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक का जिक्र किया, जब उन्होंने पुरस्कार वितरण समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने फौरन इस आमंत्रण को स्वीकार किया।
समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोगों के पास अब बहुत सारी खबरें आती हैं। इस संदर्भ में विश्वसनीयता बनाए रखना एक बड़ा मसला है और इस समय की सबसे बड़ी मांग है। मोदी ने हल्के -फुल्के अंदाज में कहा कि जहां मीडिया के पास हर चीज और हर किसी के ऊपर टिप्पणी करने की पूरी स्वतंत्रता है,
वहीं उसे खुद को लेकर दूसरों के रुख पसंद नहीं आते। उन्होंने कहा कि वे आजादी के बाद से मीडिया में इतनी चर्चा पाने वाले एकमात्र विशेषाधिकार प्राप्त नेता हैं और इसके लिए हमेशा मीडिया के आभारी रहेंगे।मोदी ने मीडिया के सामने दो मुद्दे निर्धारित करते हुए कहा कि उन्हें मीडिया द्वारा सरकार की आलोचना से दिक्कत नहीं है। लेकिन खबर देने में कोई गलती नहीं होनी चाहिए।
गौरलतब है कि रामनाथ गोयनका पत्रकारिता अवॉर्ड्स में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी और उनकी विचारधारा का बहिष्कार करते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार अक्षय मुकुल ने अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि मैं मोदी और अपनी विचारधारा को एक फ्रेम में नहीं रख सकता हूं।