उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद गरीबों के अपमान की लगातार खबरें आ रही हैं। जिस वजह से विपक्ष योगी सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगा रही है। इन आरोपों को तब और बल मिला जब योगी सरकार के मंत्री को खुश करने के लिए अधिकारियों ने तड़पते मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाल दिया, क्योंकि मंत्री जी दौरा करने वाले थे।
दरअसल, आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में शनिवार(27 मई) को योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन दौरा किए। लेकिन मंत्रीजी ने अस्पताल का दौरा क्या किया वहां भर्ती मरीजों पर आफत आ गई। अस्पताल में क्षमता से ज्यादे संख्या में मरीज नहीं हैं, यह साबित करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में मरीजों को वॉर्ड से बाहर जाने का फरमान सुना दिया।
मंत्रीजी के आने की खबर पहले ही मिलने के कारण इमरजेंसी में साफ-सफाई कर दी गई थी। उन्हें खुश करने के लिए फौरन स्ट्रेचर्स को साफ-सुथरा किया गया, सभी उपकरणों को ढंक कर रखा गया, ताकि मंत्रीजी को विश्वास हो जाए कि अस्पताल में किसी भी चीज की परेशानी नहीं है।
इतना ही नहीं, इमर्जेंसी वॉर्ड में भर्ती मरीजों की भीड़ न दिखे इसके लिए अधिकारियों ने उन्हें भी दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट होने फरमान जारी कर दिया गया। जिस वजह से सभी मरीजों को अस्पताल से बाहर जाना पड़ा और उन्हें कहीं भी बैठने की जगह नहीं दी गई। मंत्री का दौरा खत्म होने तक तड़पते मरीजों को 45 डिग्री तापमान में भी इंतजार करने के लिए कड़ी धूप में बैठना पड़ा।
अधिकारियों की इस फरमान की वजह से सबसे ज्यादे मुश्किल गंभीर हालत में भर्ती मरीजों को आई, जिन्हें अस्पताल के कर्मचारियों ने कहीं और शिफ्ट हो जाने का फरमान सुनाया। चिलचिलताती धूप में कुछ मरीजों को अस्पताल के जमीन पर बैठकर गुजारा करना पड़ा। अस्पताल की हालत कितनी अच्छी है यह साबित करने के लिए अस्पताल प्रशासन पूरी कवायद में जुट गया।
हालांकि, अस्पताल के दो डॉक्टरों ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि हमने कोई जबरदस्ती नहीं की। डॉक्टरों के मुताबिक, हमने मरीजों से कहा कि सिर्फ 2-3 घंटे की ही बात है। एक बार जब मंत्रीजी अस्पताल का दौरा कर वापस लौट जाएंगे तो स्थिति फिर पहले जैसी हो जाएगी।हालांकि, दौरे के दौरान मंत्रीजी ने ओपीडी में बैठे मरीजों से व्यवस्थाओं के बारे में कुछ नहीं पूछा। मरीजों के परिजनों को जब पता चला कि मंत्रीजी आएं हैं तो वो अपनी समस्याएं बताने के लिए उनके पीछे दौड़ते रहे। एक महिला मरीज चीखती रही कि उसका एक्स-रे नहीं हो पा रहा है, लेकिन समर्थकों की भीड़ के चलते उसकी आवाज मंत्रीजी तक पहुंच ही नहीं पाई। बमुश्किल मंत्रीजी ने आधा घंटा में अपना निरीक्षण पूरा कर लौट गए।