हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद को ब्रिटिश संसद की ओर से 25 जुलाई को सम्मानित किया जाएगा। भारत में कई साले से उनकों “भारत रत्न” देने की माँगे आ रही है परन्तु आज तक किसी सरकार ने इस पर गंभीरता से नहीं सोचा| बता दें कि तीन बार के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रहे ध्यानचंद को 25 जुलाई को उन्हें भारत गौरव अवॉर्ड हाउस ऑफ कॉमंस में दिया जाएगा। इस ऑवर्ड को लेने के लिए उनके बेटे और ओलंपियन अशोक कुमार ध्यानचंद को आमंत्रण भेजा गया है। ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार ने कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। ब्रिटेन में कई एनआरआई मिलकर संस्कृति नाम की संस्था को चलाते हैं और देश को गौरवान्वित करने वालों को यह अवॉर्ड देते हैं।
विश्व कप 1975 विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे अशोक ने कहा कि हमें बहुत दुख होता है कि अपने ही देश में उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है जबकि लंदन ओलंपिक 2012 के दौरान मेट्रो स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा गया था और अब यह सम्मान मिल रहा है।’’
दूसरी तरफ ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार कहा कि “मुझे करीब एक महीना पहले इस सम्मान की जानकारी मिल गई थी| मैने 15 दिन पहले वीजा के लिये आवेदन किया, लेकिन अभी तक वीजा मिला नहीं है। मुझे उसका इंतजार है और मैं अपने बेटे के साथ यह सम्मान लेने जाउंगा।’’ उन्होंने बताया कि यह सम्मान अप्रवासी भारतीयों द्वारा स्थापित संस्था ‘संस्कृति’ देश को गौरवान्वित करने वाले भारतीयों को प्रदान करती है। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हाकी खिलाड़ियों में शुमार ध्यानचंद ने तीन ओलंपिक पहला 1928 दूसरा 1932 तीसरा 1936 में स्वर्ण पदक जीते थे। और भी कई अवॉर्ड और पदक इस जादूगर के नाम रहे हैँ।