मोदी सरकार देश भर में लागू नोटबंदी के अपने फैसले से आलोचनाओं में घिर गए है, विपक्ष से लगातार हो रहे हमलों के बाद अब भाजपा को अपनी पार्टी के अंदर ही आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
नोट बंदी पर बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने अपने बयान में कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार का फैसला “अच्छी तरह सोचा-समझा” नहीं था।
शौरी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय विनिवेश मंत्री रहे थे। शौरी ने टीवी चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, “इसका मकसद कालाधन खत्म करना बताया गया है तो इसलिए हर कोई कहेगा कि बहुत अच्छा।
लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये स्ट्राइक (हमला) अच्छी तरह सोच-समझकर की गई है। ये स्ट्राइक कालेधन पर नहीं है। ये स्ट्राइक भारत में नोटों के कानूनी चलन पर है। ये नकद लेन-देन पर स्ट्राइक है।” नोटबंदी के फैसले पर मोदी के कदम पर अरुन शौरी ने कहा, खुदकुशी करना भी क्रांतिकारी कदम होता है
शौरी से पूछा गया कि क्या यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक साहसिक और क्रांतिकारी कदम था, तो उन्होंने कहा कि ‘कुएं में कूदना भी क्रांतिकारी और बड़ा कदम होता है, खुदकुशी करना भी क्रांतिकारी कदम होता है.’ अगर आप एक शुरुआत करना चाहते है तो कर प्रशासन में सुधार के साथ शुरुआत करनी चाहिए।
शौरी ने कहा कि ‘उन्हें नहीं लगता कि नोटबंदी का कदम कालाधन या करमुक्त धन की समस्या से निजात दिला पाएगा. जो लोग काला धन या काली संपत्ति रखते हैं, वे उसे कैश में नहीं रखते. वे अपना धन गद्दे के नीचे रखने नहीं जा रहे. वे इन्हें विदेशों में रखते हैं और डॉलर में भी नहीं, बल्कि बोरों में रखते हैं।