“राष्ट्रीय शिक्षा श्रेडर”: आरएसएस पर राहुल गांधी का नया हमला, सीबीएसई को ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ सप्रेसिंग एजुकेशन’ कहा

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत की शिक्षा प्रणाली का भगवाकरण करने के लिए आरएसएस और नरेंद्र मोदी सरकार पर एक नया हमला किया है।

गांधी ने कहा कि आरएसएस का अब प्रभावी रूप से मतलब है कि यह राष्ट्रीय शिक्षा श्रेडर है। गांधी ने राष्ट्रीय शिक्षा श्रेडर नामक एक कागज़ कतरने की मशीन की एक तस्वीर साझा की, जिसमें कागज का एक टुकड़ा कुतरते हुए दिखाया गया था।

श्रेडिंग मशीन में जाने वाले पेपर में ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ सप्रेसिंग एजुकेशन’ शीर्षक के तहत लिखी गई वस्तुओं की एक सूची थी। कुतरते हुए विषयों में लोकतंत्र और विविधता, कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव, गुटनिरपेक्ष आंदोलन, मुगल दरबार, औद्योगिक क्रांति, फैज की कविताएँ, सांप्रदायिक सद्भाव और संस्था शामिल थीं।

गाँधी के ट्वीट से साफ़ था कि वो CBSE द्वारा हाल ही में अपने कक्षा 11 और 12 के पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्यों के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास और राजनीति विज्ञान से औद्योगिक क्रांति जैसे अध्ध्याय को ख़त्म करने के फैसले पर कटाक्ष कर रहे थे।

रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान पाठ्यक्रम से ‘खाद्य सुरक्षा’ पर एक अध्याय और ‘कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव’ विषय को हटाने का फैसला किया है।

सीबीएसई ने कथित तौर पर प्रसिद्ध कवि फैज अहमद फैज की उर्दू कविताओं को ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति – सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य’ खंड से हटा दिया है।

फ़ैज़ की क्रांतिकारी कविता ‘हम देखेंगे’ उन सैकड़ों हजारों प्रदर्शनकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई थी, जो एनआरसी और सीएए पर मोदी सरकार के विवादास्पद कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे।