बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में वीसी सुधीर के जैन के इफ्तार पार्टी में शामिल होने पर बवाल; विश्वविद्यालय ने कहा हिंसा बर्दाश्त नहीं

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दक्षिणपंथी छात्रों के एक समूह ने कुलपति प्रोफेसर सुधीर के जैन के खिलाफ महिला छात्रों द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होने के उनके फैसले के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन किया है। हिंसक छात्रों ने प्रोफेसर जैन का पुतला फूंका और उनके आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
photo: tweeted by ANI

विश्वविद्यालय के महिला विद्यालय परिसर में बुधवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था।

इसके जवाब में विश्वविद्यालय ने संस्था की समावेशी परंपरा का हवाला देते हुए वीसी के इफ्तार पार्टी में शामिल होने के फैसले का बचाव किया है और कहा है कि शांति और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश स्वीकार्य नहीं होगी।

बीएचयू पीआरओ के एक बयान में कहा गया है कि इफ्तार पार्टी का आयोजन वीसी द्वारा नहीं किया गया था और वो सिर्फ संस्था के प्रमुख के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

“भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा स्थापित, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एक समावेशी स्थान है जो अपने शिक्षण और अनुसंधान के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। दुनिया भर से छात्र बीएचयू में आते हैं और एक समावेशी वातावरण में अध्ययन करते हैं। यहाँ किसी को किसी भी आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ता है,” पीआरओ ने कहा।

बीएचयू के अनुसार, विश्वविद्यालय ‘महामना के समावेश और सभी को अपनाने के विचार का अनुसरण करता है और उनके मूल्य और सिद्धांत एक संस्थान के रूप में बीएचयू के कामकाज के मूल में हैं।’

बयान में आगे कहा गया, “विश्वविद्यालय में आपसी प्रेम, सम्मान और सद्भाव के साथ कई उत्सव आयोजित किये जाते रहे हैं। कुलपति प्रो सुधीर के जैन एमएमवी के छात्रों और संकाय सदस्यों के निमंत्रण पर 27. 04.2022 को महिला महाविद्यालय में आयोजित इफ्तार में शामिल हुए थे।”

बयान में आगे कहा गया कि विश्वविद्यालय के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इफ्तार पार्टी में मौजूद थे। कोविद 19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से इफ्तार का आयोजन नहीं किया जा सका था । बीएचयू में इफ्तार आयोजित करने की परंपरा दो दशक से अधिक समय से चली आ रही है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की शांति और शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने के प्रयास अस्वीकार्य और निंदनीय हैं।

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