कर्नाटक में तेजी से बढ़ते हुए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत विधानसभा में विपक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बी एस येदियुरप्पा शुक्रवार (26 जुलाई) को राज्यपाल वाजूभाई वाला से मिलकर पार्टी की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने राज्यपाल से शपथ ग्रहण समारोह आज यानी शुक्रवार को ही आयोजित करवाने का आग्रह किया, जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी। राज्यपाल से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि वह आज शाम छह बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद कर्नाटक भाजपा के नेता बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने आज (शुक्रवार) शाम सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि मैं शाम छह बजे से सवा छह बजे के बीच मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा। येदियुरप्पा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं अभी राज्यपाल से मिला, मैं आज शाम 6 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा।”
BS Yeddyurappa,BJP: I just met the Governor, I will take oath as Chief Minister today at 6 pm. #Karnataka pic.twitter.com/LkemKmqQP6
— ANI (@ANI) July 26, 2019
हालांकि, सरकार बनने के बाद भाजपा के सामने भी असली परीक्षा बहुमत परीक्षण पास करने की होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने गुरुवार को कांग्रेस के दो विधायकों और एक निर्दलीय विधायक को 2023 में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक अयोग्य करार दे दिया। अपना फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में शेष 14 मामलों पर फैसला करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए सदस्य ना तो चुनाव लड़ सकते हैं, ना ही सदन का कार्यकाल खत्म होने तक विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि तीनों सदस्यों ने स्वेच्छा और सही तरीके से इस्तीफा नहीं दिया और इसलिए उन्होंने उन्हें अस्वीकार कर दिया और दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की ।
कुमार ने कहा, ‘‘उन्होंने संविधान (दलबदल विरोधी कानून) की 10 वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन किया और इसलिए अयोग्य करार दिए गए।’’ बता दें कि राज्य में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जद(एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार के गिरने के दो दिन बाद स्पीकर ने इसकी घोषणा की है। कर्नाटक में वैकल्पिक सरकार की जरूरत इसलिए पड़ी है, क्योंकि कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई।
कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) की सरकार मंगलवार (24 जुलाई) को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में विफल रही और सरकार गिर गई थी। इसी के साथ राज्य में करीब तीन हफ्ते से चल रहे राजनीतिक ड्रामे का अंत हो गया। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को संख्या बल का साथ नहीं मिला और उन्होंने विश्वास मत प्रस्ताव पर चार दिन की चर्चा के खत्म होने के बाद हार का सामना किया।