पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सोमवार (8 जनवरी) को बड़ा झटका लगा है। राज्य के नोआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई को जबरदस्त झटका देते हुए पार्टी की प्रत्याशी मंजू बसु ने उसका पाला छोड़कर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने रविवार शाम ही नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मंजू बसु के नाम की घोषणा की थी। हैरानी की बात यह है कि इस ऐलान के कुछ घंटों के बाद ही मंजू ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया।
मंजू ने संवाददाताओं को बताया कि वह अभी भी तृणमूल कांग्रेस के साथ हैं। बता दें कि मंजू बसु पहले भी टीएमसी की विधायक रह चुकी हैं। मंजू ने कहा, ‘‘मैं तृणमूल सुप्रिमो ममता बनर्जी की एक वफादार सिपाही हूं। मैं अभी भी तृणमूल के साथ हूं और ममता बनर्जी में मेरा पूरा विश्वास है।’’
पार्टी की किरकिरी इसलिए भी हो रही है कि प्रत्याशी बनाई गईं मंजू बसु की बीजेपी से जुड़ने की औपचारिक घोषणा तक नहीं की गई थी, उन्हें सिर्फ एक ‘मिस्ड कॉल’ के आधार पर पार्टी में शामिल मान लिया गया था। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि मंजू ने पार्टी के टोल-फ्री नंबर पर सदस्यता के लिए मिस्ड कॉल किया था।
सूत्रों के मुताबिक मंजू के बीजेपी से जुड़ने के बारे में कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। तृणमूल के टिकट पर नोआपाड़ा से दो बार विधायक रहीं मंजू ने मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहा। बस इतना बताया कि बीजेपी के प्रस्ताव को खारिज करने का यह उनका निजी फैसला है।
उन्होंने कहा कि, ‘आपको कई राजनीतिक दलों से प्रस्ताव मिल सकते हैं, लेकिन इसे स्वीकार करने या नहीं करने का फैसला आपका व्यक्तिगत होता है।’ बता दें कुछ महीनों पहले कांग्रेसी विधायक मधुसूदन घोष के निधन के चलते नोआपाड़ा विधानसभा सीट खाली हुई थी। यहां उपचुनाव 29 जनवरी को होने वाला है और मतगणना एक फरवरी को होगी।