उत्तराखंड मामले पर आज सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी कि वह उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। इस फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के 9 बागी विधायक हिस्सा नहीं ले सकेंगे। राज्य में 2 घंटे (11 से 1 बजे तक) के लिए राष्ट्रपति शासन नहीं रहेगा लेकिन वोटिंग की वीडियोग्राफी की जाएगी। अब कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड में 10 मई को फ्लोर टेस्ट होने जा रहा है। फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला दिया था, जिसके खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। मंगलवार को कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि क्यों न पहले कोर्ट की निगरानी में फ्लोर टेस्ट कराया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रामेश्वर जजमेंट का हवाला भी दिया था।
इससे पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी।
ऐसे में हरीश रावत एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे और उन्हें 29 अप्रैल को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया गया था। हाई कोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब ये देखना बेहद रोचक होगा कि 10 मई को वोटिंग में क्या परिणाम आते है और राजनीतिक समीकरणों किस और करवट लेगी।