हिंदुत्ववादी राजनीति के खिलाफ खुलकर विचार जाहिर करने वाली वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की मंगलवार (5 सितंबर) शाम बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई। दक्षिणपंथियों की आलोचक रही 55 साल की गौरी ‘लंकेश पत्रिका’ का संचालन कर रही थीं जो उनके पिता पी लंकेश ने शुरू की थी। लंकेश की हत्या के 15 घंटों के बाद भी सुराग के नाम पर अभी कुछ सामने नहीं आया है।
लंकेश की नृशंस हत्या की देश-विदेश में निंदा हो रही है। इस बीच अमेरिका ने भी इस हत्याकांड की आलोचना की है। नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से बुधवार(6 सितंबर) को जारी बयान में प्रेस की आजादी का हवाला देते हुये इस वारदात को निंदनीय बताया गया है।
अमेरिकी दूतावास के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सम्मानित पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में हुई हत्या के संदर्भ में भारत सहित दुनिया भर में प्रेस की आजादी के हवाले से हो रही आलोचना में अमेरिकी दूतावास अपना स्वर मिलाता है। दूतावास ने लंकेश हत्याकांड पर दुख व्यक्त करते हुये पीड़ित परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की।
बता दें कि 55 वर्षीय पत्रकार लंकेश की कर्नाटक में बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। कर्नाटक सरकार ने इस सनसनीखेज हत्याकांड की जांच के लिये बुधवार को विशेष जांच दल का गठन करने का फैसला किया है।
वरिष्ठ पत्रकार की हत्या के बाद सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में व्यापक तौर पर हो रही आलोचनात्मक प्रतिक्रियाओं के बीच भारत सरकार ने भी राज्य सरकार से इस वारदात में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिये की गयी कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।