लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री जंयत सिन्हा के बयान से केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बैकफुट पर जाती दिख रही है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली पार्टी की हार के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इस बात की ‘काफी संभावना’ है कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश को संभवत: एक मजबूत और स्थिर सरकार नहीं मिल पाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में बदलाव आया है और अब प्राथमिकता लोगों को जो बदलाव देश में आया है उसके बारे में बताने की है।
पीटीआई के मुताबिक, सिन्हा ने सीएनबीसी टीवी 18 के इंडिया बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार समारोह में कहा कि यदि हम ऐसी स्थिति में पहुंचते हैं जहां हमें मजबूत और स्थिर सरकार नहीं मिलती है और जिसकी मुझे काफी संभावना लगती है, मेरा मानना है कि यह आगे चलकर भारत के लिए अच्छी स्थिति नहीं होगी। उन्होंने कहा, ”हमारे लिए लक्ष्य यह होना चाहिए कि हम लोगों को अवगत कराएं। यह सुनिश्चित करें कि लोग समझ सकें कि हमने क्या किया है और बाद में आशंका को देखते हुए क्या कुछ जोखिम में आ सकता है।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री का यह बयान तब आया है जबकि पिछले महीने ही बीजेपी को तीन बड़े हिंदी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में सत्ता गंवानी पड़ी थी। अभी हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि उन्हें हाल में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव में प्रतिकूल परिणामों से मनोबल गिराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि विरोधी जीते जरूर हैं लेकिन बीजेपी हारी नहीं है। शाह ने बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन में दूसरे दिन अपने संबोधन में यह बात कही थी।
बाद में दी सफाई
सिन्हा के बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा हो गया। विवाद बढ़ता देख उन्होंने ट्वीट कर सफाई दी है। उन्होंने मीडिया पर बयान को गलत तरीके से दिखाए जाने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम चुनाव जीत गए हैं।
Media is misquoting me from the #CNBCTV18IBLA Countdown To 2019 Lok Sabha Polls. My most likely scenario is that the 2019 elections have already been won under the inspiring leadership of the Hon. PM Shri Narendra Modi ji.https://t.co/unAdvUr4TB
— Jayant Sinha (@jayantsinha) January 17, 2019
इसी कार्यक्रम को संबोधित करते उद्योगपति सज्जन जिंदल ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष सबसे बड़े आसन्न जोखिमों में से है। नई सरकार के उम्मीदों के बारे में जिंदल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का प्रभुत्व कम होगा। उनकी राय से सहमति जताते हुए बैंकर उदय कोटक ने कहा कि हमें वित्तीय क्षेत्र के बारे में नए सिरे से सोचना होगा। अगली सरकार को गंभीरता से इस बात पर विचार करना होगा कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकारी स्वामित्व की स्थिति को कैसे बेहतर तरीके से रखा जाए।
हालांकि, उन्होंने तुरंत अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह सार्वजनिक स्वामित्व निजी क्षेत्र को देने की वकालत नहीं कर रहे हैं। बल्कि चाहते हैं कि स्वामित्व को इस तरह से व्यापक किया जाए जिससे कंपनियों में आम जनता की हिस्सेदारी बढ़ सके। कोटक ने कहा कि भारतीय रिजर्व को रेपो दर में आधा प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कटौती होनी चाहिए।