सावरकर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को लेकर मचा बवाल, इतिहासकार और बुद्धिजीवी जमकर सुना रहे हैं खरी-खोटी; असदुद्दीन ओवैसी ने भी किया पलटवार

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने उस बयान को लेकर इतिहासकार और बुद्धिजीवी के निशाने पर आ गए है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी के कहने पर सावरकर ने अंग्रेजों सरकार के सामने दया याचिका फाइल की थी। केंद्रीय मंत्री के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने भी पलटवार किया है।

राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने चिरायु पंडित और दय माहुरकर द्वारा लिखिति किताब ‘वीर सावरकर- द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ के विमोचन के मौके पर मंगलवार को कहा कि, “सावरकर के खिलाफ झूठ फैलाया गया। बार-बार यह बात कही गई कि उन्होंने अंग्रेजी सरकार के सामने अनेकों मर्सी पिटिशन फाइल की। मगर सच्चाई है कि मर्सी पिटिशन उन्होंने अपने को रिहा किए जाने को लेकर नहीं फाइल की थी। सामान्यता एक कैदी को पूरा अधिकार होता है कि अगर वह मर्सी पिटिशन फाइल करना चाहे तो वह कर सकता है। महात्मा गांधी ने उन्हें कहा था कि आप मर्सी पिटिशन फाइल कीजिए।”

राजनाथ सिंह ने आगो कहा, “महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने मर्सी पिटिशन फाइल की थी और महात्मा गांधी ने अपनी ओर से अपील की थी, उन्होंने कहा था कि अगर सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए, जैसे हम शांतिपूर्ण तरीके से आजादी हासिल करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं, वैसे ही सावरकर जी भी करेंगे। यह बात महात्मा गांधी जी ने कही थी। मगर उन्हें बदनाम करने के लिए इस प्रकार की कोशिश की जाती है कि उन्होंने मर्सी पिटिशन फाइल की थी, उन्होंने क्षमा याचिा मांगी थी, उन्होंने रिहाई की बात की थी, ये सब बाते गलत और बेबुनियाद है।”

राजनाथ सिंह के इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने भी पलटवार किया। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “वे विकृत इतिहास पेश कर रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो वे महात्मा गांधी को हटा देंगे और सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे, जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप था और जिन्हें जस्टिस जीवन लाल कपूर की जांच में ‘हत्या में शामिल’ करार दिया गया था।”

राजनाथ सिंह के बयान पर इतिहासकार एस इरफान हबीब ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा है कि, “हां, एक खास में रंगे इतिहास को लिखने का चलन सही में बदल रहा है जिसकी अगुवाई रक्षा मंत्री कर रहे हैं। कम से कम उन्होंने यह तो स्वीकार कर लिया कि सावरकर ने दया याचिका लिखी थी। ऐसे में अब कोई दस्तावेजी सबूत की जरूरत ही नहीं है। नए भारत का नया इतिहास….”

कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने भी राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि गांधी जी ने तो खुद जेल में बरसों बिताए हैं और उन्होंने कभी भी अंग्रेजों के सामने दया याचिका दायर नहीं की। शमा मोहम्मद ने कहा है कि, “राजनाथ सिंह जी को इस झूठ पर शर्म आनी चाहिए। गांधी जी तो अंग्रेजों को सामने झुकने के बजाए जेल में ही रहना पसंद करते थे।”

कविता कृष्णन ने भी कहा है कि राजनाथ सिंह बताएं कब और कैसे गांधी जी ने सावरकर को दया याचिका लिखने की सलाह दी थी। कविता ने कहा है कि अब तो आप यह भी कहेंगे कि गांधी जी ने खुद ही गोडसे से कहा था कि वह उन्हें गोली मार दे।

इसके अलावा पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने कहा है कि अब सावरकर की दया याचिका और कायरता के लिए गांधी जी को कुसूरवार ठहराया जाएगा।

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