संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भारत की ‘आधार योजना’ की तारीफ, कहा- भारत की बेहतरीन स्कीम

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संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का विशिष्ट पहचान कार्यक्रम ‘आधार’ सरकारी सेवाओं तक निष्पक्ष पहुंच बनाने की दिशा में एक ‘महत्वपूर्ण’ कदम है और इसमें समावेश को बढ़ावा देने की ‘अद्भुत क्षमता’ है।

संरा के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की ओर से विश्व सामाजिक स्थिति पर 2016 में जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया, ‘भारत ने अपने सभी 1.2 अरब नागरिकों की बायोमेट्रिक पहचान संबंधी डेटा का पंजीयन करने के लिए वर्ष 2010 में आधार कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया था।

और यह सरकार की ओर से दिए जाने वाले लाभ और सेवाओं तक जनता की निष्पक्ष पहुंच बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह रिपोर्ट बुधवार (30 नवंबर) ही जारी की गई है और इसमें कहा गया है कि आधार जैसे कार्यक्रमों में गरीबों और सर्वाधिक वंचित लोगों को आधिकारिक पहचान मुहैया करवाकर ‘समावेश को बढ़ावा देने की अद्भुत क्षमता’ है।

भाषा की खबर के अनुसार,  इसमें कहा गया है, ‘सतत विकास के 2030 के नए एजेंडा में समावेशी समाज को बढ़ावा देने के कारक के रूप में वैध पहचान और जन्म पंजीयन को मान्यता मिली है।’ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भारत के निवासियों को 108.27 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी कर चुका है।

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