बिहार में आए दिन अपराध की सनसनीखेज घटनाओं ने ये सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या नीतीश-मोदी सरकार बनने के बाद बिहार में फिर से जंगलराज लौट आया है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि बिहार में जमुई जिले के सिकंदरा थाना इलाके में रविवार रात अज्ञात बदमाशों ने आरटीआई कार्यकर्ता समेत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद से ग्रामीणों और परिजनों में आक्रोश है।
जी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के अनुसार जमुई के बिछवे गांव के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता वाल्मीकी यादव (35) अपने दोस्त धर्मेंद्र यादव (30) के साथ रविवार रात अपनी बाइक से सिकंदरा से गांव लौट रहे थे, तभी बिछवे गांव के पास घात लगाए अपराधियों ने दोनों को गोली मार दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोली लगने से वाल्मीकी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि धर्मेंद्र ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, वाल्मीकी यादव के परिजनों के अनुसार, वे इन दिनों आंगनबाड़ी में अनियमितता को उजागर करने में लगे थे। सिकंदरा के थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने सोमवार को बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
बता दें कि, अभी कुछ दिनों पहले ही मोतिहारी में अपराधियों ने आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह को गोली मार हत्या कर दी थी। राजेन्द्र सिंह ने आरटीआई के जरिए एलआईसी में घोटाला, शिक्षक नियुक्ति में घोटाला सहित कई मामलों को उजागर किया था।
इससे पहले रविवार देर रात बिहार के अररिया जिले के नगर थाना क्षेत्र में बदमाशों ने इंजीनियर रामविलास महतो की गोली मारकर हत्या कर दी थी।