पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी (AAP) में अलग-थलग चल रहे मशहूर कवि कुमार विश्वास ने गुरुवार (26 अप्रैल) को ट्वीट कर कहा कि उन्हें उनकी पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार से जुड़े एक मामले में उन्हें बरी कर दिया गया है।
कुमार विश्वास ने कहा है कि इस केस को लड़ने के लिए उन्होंने अपने दम पर वकील किया था। साथ ही उन्होंने कहा कि, कायरों ने रणक्षेत्र छोड़ दिया लेकिन जंग और आग चलती रहनी चाहिए।
विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘AAP की दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार से जुड़े एक मामले में बरी हो गया, इसके लिए मैंने अपना निजी वकील लगाया था। कई दर्जन और राजनीतिक केस चल रहे हैं। कायरों ने रणक्षेत्र छोड़ दिया लेकिन जंग और आग चलती रहनी चाहिए। जय हिंद।’
बता दें कि, विश्वास ने अपने इस ट्वीट में ‘कायर’ शब्द का भी इस्तेमाल किया है और माना जा रहा है कि, उन्होंने यह आम आदमी पार्टी(AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए किया है।
Acquitted in one of the cases related to AAP Delhi assembly election campaign????. I had engaged my personal lawyers for the same. Dozens of other political cases going on. Cowards left the battle filed but Let the fight and the fire continue. Jai Hind ❤️????????????
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 26, 2018
गौरतलब है कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मतभेद के चलते ही उन्हें पिछले दिनों पार्टी की ओर से राज्यसभा का उम्मीदवार भी नहीं बनाया गया था। यही नहीं कई अहम मौकों पर उन्हें पार्टी की तरफ से संबोधन का मौका भी नहीं दिया गया था।
अभी हाल ही में पार्टी ने कुमार विश्वास को राजस्थान के प्रभारी के पद से हटा दिया था। अब वह पार्टी में सिर्फ संस्थापक सदस्य ही रह गए हैं। उनकी जगह दीपक बाजपाई को राजस्थान का नया प्रभारी बनाया गया है। पार्टी नेता आशुतोष ने बुधवार (11 अप्रैल) को प्रेस कॉन्फेंस कर इस बारे में जानकारी दी थी।
बता दें कि, अरविंद केजरीवाल ने अभी हाल ही में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीजीसीए) मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से भी माफी मांग ली। उनके अलावा आप के तीन अन्य नेताओं आशुतोष, राघव चड्ढा और संजय सिंह ने भी संयुक्त पत्र के माध्यम से जेटली से माफी मांगी है।
लेकिन कुमार विश्वास ने मानहानि मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली से माफी मांगने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पहले पार्टी के 11 हजार कार्यकर्ताओं के खिलाफ देश भर में चल रहे मुकदमे वापस हों, वर्ना यह उनके साथ धोखा होगा।में उलझाए रखने के लिए दर्ज कराए गए हैं। इन सभी मामलों को आपसी सहमति से सुलझाने पर विचार चल रहा है।
बता दें कि केजरीवाल इससे पहले मानहानि के अलग-अलग मामलों में पंजाब के पूर्व मंत्री एवं अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी और कांग्रेस नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और उनके पुत्र अमित सिब्बल से भी लिखित में माफी मांग चुके हैं।
बता दें कि केजरीवाल पर उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गोवा में भी मानहानि व चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले दर्ज हैं। पिछले दिनों पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि ये मुकदमे हमें कानूनी मामलों में उलझाए रखने के लिए दर्ज कराए गए हैं। इन सभी मामलों को आपसी सहमति से सुलझाने पर विचार चल रहा है।
समाचार एजेंसी भाषा के हवाले से एक न्यूज़ वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कुमार विश्वास से जानना चाहा कि क्या वह डीडीसीए विवाद में उनके खिलाफ केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में अरूण जेटली से जिरह करना चाहते हैं। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने विश्वास के वकील से कहा कि वह 3 मई को सुनवाई की अगली तारीख पर आप नेता को पेश करें।
उच्च न्यायालय ने 3 अप्रैल को केजरीवाल और आप के चार अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि के दो मुकदमों को बंद कर दिया था जब समझौते की एक संयुक्त अर्जी अदालत के समक्ष पेश की गई थी। निचली अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में कुमार विश्वास को छोड़कर मुख्यमंत्री और अन्य को बरी कर दिया था।