टाइम्स नाउ ऐसा चैनल है जो टीआरपी के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ताजा मामला ‘नॉट इन माइ नेम’ आंदोलन को लेकर जिसे चैनल ने बदमान करने की हरसंभव कोशिश किया। हालांकि, यह दाव चैनल को उल्टा पड़ गया और उसे उपहास का पात्र बनना पड़ा।
दरअसल, दिल्ली में बुधवार(28 जून) शाम जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन किया गया, जिसमें बल्लभगढ़ निवासी मुसलमान युवक जुनैद खान सहित देश भर में भीड़ द्वारा जगह-जगह की जा रही हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाई गई। ‘नॉट इन माइ नेम’ शीर्षक से यह प्रदर्शन किया गया। इस कैंपेन में हजारों लोग शामिल हुए।
इस अभियान को हिंदी मीडिया ने भले नजरअंदाज किया हो, लेकिन आज लगभग सभी अंग्रेजी अखबारों ने इसे प्रमुखता से अपने पहले पन्ने पर जगह दी है। इस बीच टाइम्स नाउ ने सनसनीखेज दावा करते हुए इस अभियान को पाकिस्तानी लिंक से जोड़ने की कोशिश की।
इतना ही नहीं ‘Not In My Name’ के जवाब में चैनल ने ट्विटर पर #NotOnPakSoil हैशटैग भी लॉन्च कर दिया। हालांकि, लोगों ने चैनल के इस हरकत पर आड़े हाथों लेते हुए टाइम्स नाउ और उसने नवनिर्वाचित ‘एडिटर इन चीफ’ पर जमकर हमला बोला।
इस अभियान को बदनाम करने के लिए चैनल ने अपने सामान्य संदेहास्पद मेहमानों को आमंत्रित किया, जिसमें राज्यसभा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और पूर्व सेना कर्नल आरएसएन सिंह शामिल थे। लेकिन चैनल ने एक ऐसे आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया जिसे हर वर्ग का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
इस धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और वामदलों के नेताओं के अलावा अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। साथ ही जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद की बहन भी मौजूद रहीं।बल्लभगढ़ में जुनैद की हत्या के विरोध में उसके गांव वाले भी जंतर-मंतर पर पहुंचे थे।
इस दौरान गायक रबी शेरगिल ने एक गीत पेश कर इस प्रकार की घटनाओं के प्रति रोष जताया। धरना प्रदर्शन के दौरान सबने सांप्रदायिक घटनाओं पर विरोध दर्ज कराया। ‘नॉट इन माइ नेम’ शीर्षक से हुआ यह प्रदर्शन दिल्ली के अलावा कोलकाता, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु में भी हुआ।
इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि यह विरोध-प्रदर्शन बिना किसी नेतृत्व का हुआ। साथ ही यह प्रदर्शन किसी भी पार्टी या संगठन के बैनर तले नहीं हुआ। बता दें कि दिल्ली से मथुरा जा रही ईएमयू ट्रेन में मामूली विवाद के बाद गुरुवार(22 जून) को मारे गए हरियाणा के बल्लभगढ़ निवासी मुसलमान युवक जुनैद खान की हत्या के बाद से मुस्लिम समुदाय सहित हर धर्म के लोग गुस्से में हैं।
भीड़ द्वारा लगातार हमले और हत्याओं को लेकर हर कोई अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज करा रहा है। रोजेदार की हत्या से गुस्साए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सोमवार(26 जून) को ईद के मौके पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी और अपना विरोध जताया था।
By trying to discredit a genuine people's movement @TimesNow is clearly supporting Moblynching in India.There's no other way to see this. https://t.co/ZUece3RSiG
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) June 28, 2017
PM can eat cakes with Nawaz but people from either of the countries can't join hands against mob lynching #Shame #NotInMyName
— तेजस | Tejas K (@tejjINC) June 28, 2017
What is the approximate cost of your research & who paid for it Rahul?
— ರಾಮಚóದ್ರ ಚೌಡಪ್ಪ Ramachandra C (@ramachandracho1) June 28, 2017
https://twitter.com/vineetznayar/status/880137189035696128?ref_src=twsrc%5Etfw&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.jantakareporter.com%2Findia%2Ftimes-now-attempts-discredit-not-name-movement-gets-ridiculed%2F133451%2F
Chalu attempt to divert the issue… waah re waah bika hua media…
— Mohammed Futurewala (@MFuturewala) June 28, 2017
Yeah, they also invited Chinese Army to Enter Sikkim and destroy indian posts. @TimesNow is no difference then Shankhanad, India Trending
— FifthPiller (@TOMARJAIVEER) June 28, 2017
Dear @RShivshankar did you find this in what's app too? Just making sure!
— Chowkidaar Nikamma Hai (@sandipshettyyer) June 28, 2017