उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गठित यूपी पुलिस की एक विशेष जांच टीम (SIT) ने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे तीन मंत्रियों के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, रामनरेश त्रिपाठी और संतोष अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद शनिवार को इन तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया।
स्टिंग में अर्चना पांडे के निजी सचिव रामनरेश त्रिपाठी, संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी और राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप शामिल थे। निजी चैनल ABP न्यूज द्वारा दिखाए गए स्टिंग में तीनों सचिव विधानसभा में रिश्वत लेते हुए देखे गए थे। इस स्टिंग ऑपरेशन तीनों तबादले, ठेका-पट्टा दिलाने के लिए डीलिंग करते नजर आए थे।
मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने तीनों सचिवों को गत वर्ष दिसंबर में निलंबित करते हुए एफआईआर करने के निर्देश दिए थे। साथ ही एडीजी (लखनऊ) जोन राजीव कृष्णन की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया था। योगी सरकार ने एसआईटी बनाकर 10 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी थी।
एसआईटी का दावा है कि कई जगह छापेमारी में भी काफी सबूत मिले हैं। मामले के खुलासे के बाद से तीनों आरोपी फरार चल रहे थे। शुक्रवार को पुलिस को जानकारी मिली कि तीनों आरोपी हजरतगंज में हैं जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इस मामले में पिछले वर्ष दिसंबर में हजरतगंज कोतवाली में मंत्री अर्चना त्रिपाठी के निजी सचिव रामनरेश त्रिपाठी, मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष कुमार अवस्थी और मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
एडीजी ने बताया कि एसएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र और सीओ हजरतगंज को सबूत जुटाने के लिए दिल्ली भेजा गया था। साथ ही तीनों निजी सचिवों के घर और उनके साथ काम करने वाले अन्य कर्मचारियों की जानकारियां एकत्र की गई है। कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि इस स्टिंग से स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री योगी का सरकार, शासन और प्रशासन पर कोई इकबाल नहीं है।