एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) पेपर लीक का मामला काफी गरमाता जा रहा है। एक तरफ जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एसएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में कथित धांधली की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की है, वहीं छात्र इस धांधली को लेकर दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) दफ्तर के बाहर पेपर लीक मामले को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।एक हफ्ते से जारी उनके इस प्रदर्शन को प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का साथ भी मिल गया है। रविवार (4 मार्च) को अन्ना हजारे सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंचे और विरोध प्रदर्शन में शामिल एसएससी छात्रों से मुलाकात की। इससे पहले अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। इसके अलावा छात्र जन अधिकार परिषद भी इन छात्रों के समर्थन में आ गए हैं। पूरे देश मे 5 मार्च को बड़ा आंदोलन करेंगे।
गौरतलब है कि पेपर लीक के विरोध में एसएससी आयोग के बाहर छात्रों के धरना प्रदर्शन का आज छठा दिन है। छात्र सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित एसएससी बिल्डिंग के बाहर धरने पर बैठें हैं। छात्र पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इस एसएससी छात्रों की समस्या को लेकर अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। अन्ना से छात्रों के धरने को पूर्ण समर्थन की बात कही।
छात्रों के आंदोलन के तीसरे दिन एसएससी ने बयान जारी कर कहा था कि 21 फरवरी की परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों की शुरुआती जांच CBI, CFSL की टीम करेगी। आरोपों की पुष्टि हुई तो CBI विस्तृत जांच करेगी। इसके बाद कुछ छात्र मान भी गए लेकिन काफी छात्रों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई। छात्रों का कहना है कि उनकी संख्या कम करने के लिए उन्हें मौखिक आश्वासन दिया गया लेकिन जब तक उन्हें पूर्ण रूप से आश्वस्त नहीं किया जाएगा तब तक वो प्रदर्शन जारी रखेंगे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एसएससी की परीक्षा 17-21 फरवरी को हुई थी जिसमें पेपर लीक की बात कही गई। इसे लेकर छात्र सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। जांच को लेकर देश के हजारों छात्र आंदोलन करने पर उतर आए और 27 फरवरी से लोधी रोड में सीजीओ कांप्लेक्स में कर्मचारी चयन आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन की आग अब दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी पहुंच गई है।
मामला तूल पकड़ने लगा तो एसएससी ने डैमेज कंट्रोल करते हुए गुरुवार को छात्रों को बातचीत के लिए बुलाया और भरोसा दिलाया कि उनके आरोपों की गहन जांच होगी और आरोप सही साबित पाए गए तो उचित कार्रवाई होगी।
हालांकि, इस आश्वासन से प्रदर्शनकारी छात्र संतुष्ट नहीं दिख रहे और यह प्रदर्शन अभी भी जारी है।
अभ्यर्थियों के गंभीर आरोप
अभ्यर्थियों का आरोप है कि ऑनलाइन होने वाली इस परीक्षा में न छात्र और न परीक्षक तक को कलम या मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति थी। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर परीक्षा के दौरान ही प्रश्न पत्र का स्क्रीन शॉट वायरल हो गया था। रीतेश कुमार गुप्ता ने कहा कि 21 फरवरी को गणित का एग्जाम था। 15 मिनट बाद सूचना मिली कि परीक्षा रोक दी गई। चर्चा थी कि सोशल मीडिया में पेपर आउट हो चुके थे।
12.30 बजे दूसरे सेट के साथ परीक्षा शुरू हुई। लेकिन भोपाल, पटना जैसे दूसरे शहरों के सेंटर पर समय पर ही परीक्षा हुई। इन अभ्यर्थियों का आरोप है कि एग्जाम हॉल के अंदर से स्क्रीन शॉट, विडियो शेयर होते हैं। इन्होंने मांग की है कि पता लगाया जाए कि ऐसा कौन कर रहा है। 21 फरवरी की गणित की परीक्षा रद्द कर दी गई और इसके बदले अब परीक्षा 9 मार्च को होगी। हालांकि एसएससी ने कहा कि तकनीकी कारणों से इसे रद्द किया गया है।