श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) के वाहन की टक्कर से गंभीर रूप से घायल हुए युवक ने शनिवार (2 मई) को दम तोड़ दिया। अस्पताल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, युवक को शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) में भर्ती कराया गया था। इसके मद्देनजर किसी प्रकार के फसाद से बचने के लिए जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर श्रीनगर और बड़गाम जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।
समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक नौहट्टा में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान कैसर अहमद (21) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वाहन के नीचे आकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। अहमद को यहां शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) में भर्ती कराया गया था। गंभीर अंदरूनी चोटों के चलते शनिवार तड़के उसने दम तोड़ दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर और बड़गाम जिलों में ऐहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन की स्पीड भी कम कर दी गई है, ताकि कोई भड़काऊ पोस्ट या तस्वीरें अपलोड नहीं कर सके। उत्तरी कश्मीर के बारामूला और जम्मू क्षेत्र के बनिहाल में रेल सेवाएं दिन भर के लिए रोक दी गई हैं।
सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर हिजबुल कमांडर समीर टाइगर की कब्र का अपमान करने और नागरिकों की हत्या करने के विरोध में अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। अधिकांश जगहों पर दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद है, वहीं शहर के बाहरी इलाकों में तिपहिया वाहन और निजी वाहन नजर आ रहे हैं।
उधर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना के लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘संघर्षविराम का मतलब है बंदूकें नहीं, तो इसलिए जीप का इस्तेमाल किया गया।’
Earlier they tied people to the fronts of jeeps & paraded them around villages to deter protestors now they just drive their jeeps right over protestors. Is this your new SOP @MehboobaMufti sahiba? Ceasefire means no guns so use jeeps? https://t.co/42W6vGAPVi
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 1, 2018
उन्होंने कहा, ‘पहले वे लोगों को जीप के आगे बांधा और आसपास के गांवों में उसकी परेड निकाली। अब वे प्रदर्शनकारियों के ऊपर सीधा जीप चढ़ा रहे हैं। क्या यह आपकी नई मानक प्रक्रिया है, महबूबा मुफ्ती साहिबा?’