सोहराबुद्दीन ‘फर्जी’ एनकाउंटर मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने डीजी वंजारा समेत अन्य पुलिसकर्मियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज

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गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में एक अहम फैसला सुनाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने डीजी वंजारा समेत गुजरात और राजस्थान के अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में विवादास्पद अधिकारी डीजी वंजारा समेत गुजरात और राजस्थान के पांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें उन पांचों आरोपियों को बरी कर दिया गया था।

(File Photo/PTI)

बता दें कि 2005-06 में सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी और सहयोगी को कथित फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था। इस मुठभेड़ पर फर्जी होने के आरोप लगे थे और इस मामले में गुजरात और राजस्थान के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर शामिल होने का शक था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को इन सभी की रिहाई को चुनौती देने वाली अपील खारिज कर दी।

बता दें कि निचली अदालत ने पहले ही गुजरात एटीएस प्रमुख डीजी वंजारा, गुजरात के आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांड्यन, गुजरात पुलिस अधिकारी एनके अमीन, राजस्थान के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन और राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल दलपत सिंह राठौड़ को रिहा कर चुकी है।

बता दें कि, सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में इन पुलिस अधिकारियों को रिहा किए जाने के निचली अदालत के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन और सीबीआई ने बॉम्बे हाई कोर्ट में मामले में पांच पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख डीजी वंजारा समेत पुलिसकर्मियों को अपनी जांच में दोषी ठहराया था। सीबीआई ने इसे फर्जी एनकाउंटर करार दिया था। जबकि पुलिस का कहना था कि सोहराबुद्दीन के संबंध आतंकियों से जुड़े थे।

 

 

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