राजधानी पश्चिम दिल्ली में पिछले शुक्रवार (14 सितंबर) शाम दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के सीवर गड्ढे की सफाई करते हुए जहरीली गैस की वजह से एक 37 वर्षीय अनिल नाम के सफाईकर्मी की मृत्यु हो गई। सीवर करीब 20 फीट गहरा था और कमजोर रस्सी के सहारे अनिल को सफाई के लिए उतारा गया था। गड्ढे में उतरने के बाद रस्सी टूट गई और अनिल सीवर में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। आरोप है कि अनिल को किसी तरह के सेफ्टी उपकरण नहीं दिए गए थे।
इस हादसे के बाद गरीबी से जूझ रहे अनिल के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक की तस्वीर वायरल हो गई। इसमें एक बच्चा किसी की लाश के पास खड़ा होकर बिलख रहा था। इन बुरे हालात में सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने अनिल के परिवार की मदद करने की जिम्मेदारी उठाई। इनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उसके पास अनिल के दाह संस्कार तक के पैसे तक नहीं थे।
सोशल मीडिया पर अनिल के दाह संस्कार और उनके परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत चंद दिनों में लोगों द्वारा खबर लिखे जाने तक करीब 50 लाख रुपये जमा कर लिए गए हैं। महज कुछ दिनों में फिल्म सितारों से लेकर आम आदमी तक ने 37 साल के मृत सीवरकर्मी अनिल के परिवार को मदद दी है।
कहानी में सामने आया नया मोड़
सोशल मीडिया का दावा है कि वायरल हो रही तस्वीर में पिता की लाश के पास खड़ा होकर मृतक सफाईकर्मी अनिल का बेटा बिलख रहा है। हालांकि इस कहानी में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, ABP न्यूज के मुताबिक, जिस बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वह अनिल का बेटा नहीं है। इतना ही नहीं जिस रानी नाम की महिला को अनिल की पत्नी बताया जा रहा है दरअसल वह पत्नी नहीं बल्कि उसकी मौसी है।
ABP न्यूज के मुताबिक अनिल की अभी तक शादी ही नहीं हुई थी। एबीपी न्यूज ने अनिल के माता-पिता से उनके घर पर जाकर मुलाकात की जिसके बाद यह खुलासा हुआ। अनिल की मां सरोज ने एबीपी न्यूज को बताया कि रानी उनकी बहन (अनिल की मौसी) है। उन्होंने कहा कि रानी ने कभी अनिल से शादी नहीं की थी। वास्तव में मेरे बेटे ने कभी शादी नहीं की है। सरोज ने आरोप लगाया कि वह पैसे के लिए अनिल की पत्नी के रूप में अपने आपको पेश कर रही है।
सरोज ने आगे कहा कि रानी के अपने पति से तीन बच्चे हैं, जिन्होंने उसे छोड़ दिया है और वह मुंबई में कहीं रहते हैं। रानी हमारे घर के पास एक कमरे में रहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ने उनसे बात नहीं की है, बल्कि रानी को पूरा ध्यान और सहानुभूति दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया को सच्चाई का पता लगाना चाहिए था। वहीं अनिल के पिता दीन दयाल ने एबीपी न्यूज को बताया, “मेरे आठ बच्चे हैं और अनिल हमारे परिवार का एकमात्र कमाई करने वाला सदस्य था। वह हमें कुछ पैसे देता था। अब हम कैसे जीवित रहेंगे?”
अनिल के करीबी दोस्त वीरेन्द्र ने एबीपी न्यूज को बताया कि अनिल अविवाहित था। मीडिया को दोषी ठहराते हुए दीन दयाल ने कहा कि कोई भी वायरल फोटोग्राफ के बारे में जांच करने की परेशानी नहीं उठा रहे हैं। सभी पैसे एक महिला के खाते में चला गया है, जो योग्य लाभार्थी नहीं है। पड़ोसियों के अनुसार, पिछले दो वर्षों से एक किराए के कमरे में अनिल और रानी एक साथ रह रहे थे। अब सवाल यह है कि 50 लाख का लाभार्थी कौन होगा? और वास्तव में कौन सच बोल रहा है?
पत्रकार ने किया ट्वीट
दरअसल, सीवरकर्मी अनिल की मौत और उनके परिवार की खराब हालत की व्यापक चर्चा तब शुरू हुी जब शिव सन्नी नाम के एक वरिष्ठ पत्रकार ने शव के साथ खड़े होकर रो रहे इस बच्चे की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की। पत्रकार ने दावा किया कि तस्वीर में बच्चा अपने पिता अनिल की लाश के पास खड़ा होकर बिलख रहा है। जिसके बाद देखते ही देखते बच्चे की यह तस्वीर वायरल हो गई।
The boy walked up to his father's body at a crematorium, moved the sheet from the face, held the cheeks with both hands, just said 'papa' & began sobbing.
The man was yet another poor labourer who died in a Delhi sewer on Friday. Family did not have money even for cremating him. pic.twitter.com/4nOWD9Aial
— Shiv Sunny (@shivsunny) September 17, 2018
तस्वीर में बच्चा अपने शव के पास बिलखता हुआ नजर आ रहा है। दिलचस्प बात है कि बच्चे के परिवार की मदद के लिए सोशल मीडिया दिल खोलकर आगे आया और देखते ही देखते 50 लाख रुपये जमा हो गए। इस तस्वीर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और अभिनेता मनोज वाजपेयी सहित हजारों हस्तियों ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस खबर को शेयर कर परिवार को आर्थिक मदद के लिए गुजारिश की।
राहुल ने मोदी पर कसा तंज
सीवर कर्मचारी अनिल की मौत के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उनका स्वस्छ भारत अभियान एक खोखला नारा है। राहुल ने कहा कि देश भर में हजारों लोगों की इस प्रकार से मौत हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री आंख बंद कर बैठे हैं।
ट्विटर पर राहुल ने लिखा, दिल्ली में सीवर में सफाई के दौरान अनिल की दुखद मौत और उनके बेटे की बिलखती हुई फोटो ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं। राहुल ने लिखा, हमारे प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान का नारा खोखला है, जब वह सीवर और शौचालय साफ करने वाले ऐसे हजारों लोगों की मौत पर आंखें मूंदे बैठे हैं।
Anil’s tragic death in the sewers of Delhi & photographs of his grieving son have made headlines worldwide. Our PM’s “Swacch Bharat” is a hollow slogan, when he’s blind to the plight of thousands of manual scavengers forced to excavate toilets & sewer lines in inhuman conditions. https://t.co/wwaaNKzGc2
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 19, 2018
पिछले शुक्रवार को हुई थी मौत
गौरतलब है कि 14 सितंबर की शाम को दिल्ली के डाबरी इलाके में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के एक नाले की सफाई के दौरान 37 वर्षीय अनिल की मौत हो गई। अनिल का परिवार दबरी एक्सटेंशन में किराए के कमरे में रहते हैं। अनिल बेहद गरीब था और घर में कमाने वाला इकलौता सदस्य था। सोशल मीडिया पर लोगों ने बच्चों के लिए फिक्स डिपॉजिट के तौर पर भी धन दान दिया है।
बच्चे की भावुक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल
Do help! https://t.co/Rnhq5OZOyE
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 17, 2018
It’s a national shame that in 2018 humans still have to go into sewers with no protective clothing. At the last Cleanathon joined @SrBachchan in pledging to keep fighting till this is eradicated. Pls help with your ideas and suggestions. https://t.co/hBMLW7fSjw
— Vikram Chandra (@vikramchandra) September 17, 2018
Show your big heart friends. Here is @Ketto link where you can help the family. W/ @udayfoundation @misskaul @shivaniwrites @soniandtv @GargiRawat https://t.co/L32HoJjLim
— rahul verma (@rahulverma08) September 17, 2018
Plz donate and spread the word. https://t.co/q3ukaLZwBp
— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) September 17, 2018
Heartbreaking. Thank you, citizens, for coming forward and helping the deceased family with your contributions.
The deafening silence of the Delhi Govt is shocking. Will they come up with adequate safety measures to secure the sanitation workers at work?https://t.co/So0St7wWyw
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) September 18, 2018