मुंबई के एल्फिंस्टन रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार(29 सितंबर) को हुई भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना के संपादकीय में लिख है कि बुलेट ट्रेन की मस्ती एलफिंस्टन के पुल पर 22 मासूमो की जान लेने पर भी नही शांत हुई होगी तो उसे बुलेट मस्ती का नशा उतारने का बीड़ा उठाना होगा। सामना के संपादकीय में लिखा है कि ‘चलो नई लड़ाई की रणभेरी फुकें’!
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि एक ओर प्रधानमंत्री और रेलमंत्री अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन की तैयारी कर रहे है, महाराष्ट्र सरकार उसके लिये 30 हजार करोड़ रुपये की सहायता भी करने जा रही है, दूसरी और मुंबई के रेल हादसे में 22 लोगों की मौत हो जाती है। इसे क्या कहे?
इतना ही नहीं आगे सामना के संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र के जनता के जीवन में आनंद का वो पल आएगा या नहीं, ऐसा सवाल मन में उठने लगा है। सरकार ने जनता को मौत के गड्ढे में धकेल दिया है।
साथ ही सामना में कहा गया है एलफिंस्टन स्टेशन के हादसे ने मुंबईकरों की दशहरा की खुशी में जहर घोलने का काम किया है, बुलेट ट्रेन मुंबईकरों के किस काम की? साथ ही समाने में लिखा गया है कि पहले रेलवे प्लेटफार्म, पुल, पटरियां, और लोकल गाड़ियों को सुधारो, वहां रोज ही मौतें हो रही है, वो क्या 1 बुलेट ट्रेन से खत्म होने वाली है?
सामना में कहा गया है कि एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन हादसे पर प्रधानमंत्री ने संवेदना व्यक्त की है, जब किसान आत्महत्या करता है उस वक्त भी ऐसी संवेदना व्यक्त होती है। लेकिन नई सरकार 3 साल से कर क्या रही है?
बता दें कि एल्फिंस्टन रेलवे स्टेशन पर यह हादसा सुबह करीब दस बजकर चालीस मिनट पर हुआ। उस वक्त बारिश हो रही थी और फुटओवर ब्रिज पर खासी भीड़ थी। पुलिस को संदेह है कि फुटओवर ब्रिज के पास तेज आवाज के साथ हुए शॉट सर्किट के कारण लोगों में दहशत फैल गई और वह भागने लगे। इसी कारण भगदड़ मच गयी।
जिसके बाद भगदड़ की वजह से यह दर्दनाक दुर्घटना हुई। बीएमसी के आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के अनुसार, परेल के केईएम अस्पताल में अभी तक 22 शव लाए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि, इस घटना के बाद कल शिवसेना ने कहा था कि सरकार के खिलाफ नरसंहार (मनुष्यवध) का केस दर्ज होना चाहिए। शिवसेना सांसद संजय राउत ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि, “राज्य सरकार के ऊपर सदोष मनुष्यवध (नरसंहार) का FIR दर्ज होना चाहिए और रेलवे मंत्रालय पर मुकदमा चलना चाहिए।”
वहीं, कांग्रेस ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि ऐसी घटनाओं से सरकार बदनाम हो चुकी है लोग बहुत अधिक परेशान है फिर भी सरकार की नजर जनता की समस्याओं पर नहीं जाती है। रेलवे ब्रिज हादसे के बाद से ये बात सामने आई है कि ये घटना सरकारी लापरवाही की वजह से हुई।