कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने बुधवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक भाषण को ‘मंझा हुआ अभिनय’ करार दिया। बता दें कि, पीएम मोदी मंगलवार को राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद के बारे में बात करते हुए कई बार भावुक हो गए थे।
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पुस्तक ‘बाई मेनी ए हैपी एक्सीडेंट: रिकलेक्सन ऑफ ए लाइफ’ पर आयोजित परिचर्चा में थरूर ने कहा, ‘यह बहुत मंझा हुआ अभिनय था।’ उन्होंने कहा, ‘यह आंशिक रूप से (किसान नेता) राकेश टिकैत के जवाब में था । उन्होंने फैसला किया कि उनके पास भी आंसू हैं।’ बता दें कि, राकेश टिकैत हाल ही में किसान आंदोलन को लेकर भावुक हो गए थे।
इससे पहले पीएम मोदी के राज्यसभा में भावुक होने की घटना के पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी कमेंट किया था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि आंसू तो आंसू होते हैं, लेकिन उसके अपने मायने होते हैं। किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत के आंसू निकले तो यूपी, राजस्थान, हरियाणा के किसान उठ खड़े हुए, लेकिन प्रधानमंत्री के आंसू निकले, तो इसका क्या असर हुआ आप सब देख रहे हैं।
गौरतलब है कि, राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की विदाई पर बोलते हुए पीएम मोदी रो पड़े। पीएम मोदी ने आजाद की तारीफ करते हुए कहा कि ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी, क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे लेकिन देश की और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।’
अपने संबोधन में पीएम मोदी आजाद के एक फोन का जिक्र कर खुद को संभाल नहीं पाए और बेहद भावुक हो गए। दरअसल, पीएम मोदी उस घटना का जिक्र कर रहे थे जब गुजरात के यात्रियों पर आतंकियों ने हमला किया था।