तीन साल पहले लिंग परिवर्तन कराने वाली ट्रांसजेंडर ने सोमवार (6 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केबिन क्रू की नौकरी नहीं देने के एयर इंडिया के फैसले को चुनौती दी। ट्रांसजेंडर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन मंत्रलय को नोटिस जारी किया है।
न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने नोटिस जारी करते हुए एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से चार हफ्तों में जवाब देने को कहा।
ट्रांसजेंडर ने अपनी याचिका में दावा किया कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसने एयरलाइन सेक्टर के सदरलैंड ग्लोबल सर्विसेज तथा चेन्नई में एयर इंडिया के ग्राहक सहयोग में काम किया। उसका तमिलनाडु में 1989 में जन्म हुआ था।
उसका कहना है कि उसने 2010 में इंजीनियरिंग में स्नातक की। वह अप्रैल 2014 में लिंग सर्जरी कराकर महिला बन गई और यह सूचना राज्य सरकार के राजपत्र में प्रकाशित हुई।
उसने कहा कि उसे दिल्ली के उत्तरी क्षेत्र कार्यालय के लिए महिला केबिन क्रू के पद हेतु एयर इंडिया के 10 जुलाई के विज्ञापन का पता चला। उसने महिला वर्ग में आवेदन दिया, क्योंकि उसने बैंकाक में सफलतापूर्वक लिंग परिवर्तन सर्जरी कराई थी।
उसने कहा कि उसे काल लेटर मिला और उसने समूह चर्चा सहित अन्य परीक्षाओं में चार बार भाग लिया, लेकिन परीक्षाओं में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उसे पद के लिए चयनित नहीं किया गया।
ट्रांसजेंडर ने अपनी याचिका में कहा कि उसे इसलिए चयनित नहीं किया गया, क्योंकि वह ट्रांसजेंडर है और केबिन क्रू में रिक्तियां केवल महिलाओं द्वारा भरी जानी हैं। बता दें कि ट्रांसजेंडर शनावी पुन्नुस्वामी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है और वह सुदरलैंड तथा एयर इंडिया में कस्टमर सपोर्ट विभाग में काम कर चुका है। उसने बाद में अपना लिंग परिवर्तन करवा लिया और लड़की बन गई।