1984 सिख विरोधी दंगे पर टिप्पणी को लेकर सैम पित्रोदा ने मांगी माफी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दी सफाई

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने 1984 के सिख दंगों के संबंध में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए शुक्रवार को माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि उनकी हिंदी अच्छी नहीं है, और इसलिए उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया। इंडियन ओवरसीस कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने गुरुवार को 1984 के सिख विरोधी दंगे को यह कहकर खारिज कर दिया था, “हुआ तो हुआ।”

पित्रोदा ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, “मेरे बयान को पूरी तरह अलग रंग दिया गया और उसे संदर्भ से बाहर लिया गया, क्योंकि मेरी हिंदी अच्छी नहीं है। मेरा मतलब था ‘जो हुआ वो बुरा हुआ’। लेकिन मैं बुरा का अनुवाद अपने दिमाग में नहीं कर सका।” उन्होंने कहा, ‘मुझे दुख है कि मेरा बयान गलत ढंग से पेश किया गया। मैं माफी मांगता हूं।’

राहुल गांधी ने बताया ‘त्रासदी’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं ओवरसीज कांग्रेस के प्रभारी सैम पित्रोदा की टिप्पणी को ‘पूरी तरह से पार्टी लाइन से बाहर’ बताते हुए उनसे माफी मांगने को कहा। गांधी ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से पित्रोदा से बात करेंगे और उन्हें बताएंगे कि वह ‘इस प्रकार की बकवास’ की सराहना न करें।

कांग्रेस अध्यक्ष ने एक समाचार वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा, “ मुझे लगता है कि यह (टिप्पणी) पूरी तरह से पार्टी लाइन से बाहर है और मुझे लगता है कि उन्हें (सैम पित्रोदा) को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। मुझे लगता है कि 1984 का दंगा एक त्रासदी थी। दंगे ने लोगों को गहरा जख्म दिया। और मुझे लगता है कि श्री पित्रोदा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।”

वहीं, शुक्रवार देर शाम अपने फेसबुक पोस्ट में राहुल ने कहा कि सैम पित्रोदा ने जो कहा वह अनुचित है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। राहुल ने आगे लिखा, ‘मेरा मानना है कि 1984 एक अनावश्यक त्रासदी थी जिससे असीम पीड़ा हुई।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि न्याय होना चाहिए और जो लोग 1984 की त्रासदी के लिए दोषी थे, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

राहुल ने फेसबुक पोस्ट में आगे कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माफी मांगी है। मेरी मां सोनिया गांधी ने माफी मांगी है। हमने हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट की है कि 1984 में एक भयावह त्रासदी हुई थी और ऐसे दंगे कभी नहीं होने चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मिस्टर सैम पित्रोदा ने जो कहा है कि वह पूर्ण रूप से अनुचित है और इसे सराहा नहीं जा सकता है। मैं उनसे सीधे कहूंगा। उन्हें अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए।’

पीएम मोदी ने पित्रोदा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर बोला हमला

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तकनीकी विशेषज्ञ से राजनीतिज्ञ बने सैम पित्रोदा की सिख विरोधी दंगों के संबंध में की गई कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुये कहा कि यह इस पार्टी के ‘‘चरित्र और मानसिकता’’ को दिखाता है। लोकसभा चुनाव के छठे चरण के प्रचार के अंतिम दिन एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की ‘‘आक्रामकता’’ को दिखाता है।

मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस, जिसने अधिकतम समय तक शासन किया वह असंवेदनशील है और यह कल बोले गए तीन शब्दों से प्रकट होता है। ये शब्द यूं ही नहीं कहे गए हैं, ये शब्द कांग्रेस की मानसिकता और मंशा हैं।’’ उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर गुरूवार को पित्रोदा की टिप्पणी का उल्लेख करते हुये कहा, ‘‘और ये शब्द कौन से हैं .. ये हैं..हुआ तो हुआ।’’ मोदी ने दोहराते हुए कहा, ‘‘हुआ तो हुआ’’ उन्होंने मौजूद जनसमूह से कहा कि उन्हें अचरज हो रहा होगा कि प्रधानमंत्री क्या कह रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हम तीन शब्दों से उन लोगों की आक्रामकता को बहुत आसानी से समझ सकते हैं जो कांग्रेस चला रहे हैं- हुआ तो हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कल कांग्रेस के एक बड़े नेता ने ऊंची आवाज में 1984 को लेकर कहा कि ‘84 का दंगा हुआ तो हुआ’। क्या आप जानते हैं वो कौन है, वह गांधी परिवार के बहुत निकट है। यह नेता राजीव गांधी का निकट मित्र था और कांग्रेस ‘नामदार’ अध्यक्ष का गुरू है।’’ गौरतलब है कि जब पित्रोदा से 1984 के दंगों को लेकर प्रश्न पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, ‘‘84 में हुआ तो हुआ।’’

 

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