बीजेपी शासित राज्य झारखंड के सिमडेगा जिले में जलडेगा प्रखंड स्थित कारीमाटी गांव में भूख से 11 साल की बच्ची की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि अब धनबाद के झरिया में कथित तौर पर एक रिक्शा चालक की भूख से हुई मौत के नए मामले ने प्रशासन के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। हालांकि प्रशासन ने भूख से मौत होने से इनकार किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 40 वर्षीय बैजनाथ दास के घर में पिछले कई दिनों से अनाज का एक दाना भी नहीं था, भोजन नहीं मिलने के कारण वह बीमार हो गया था और उसके बाद शनिवार (21 अक्टूबर) को वह मौत के मुंह में समा गया। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में परिजनों ने बताया कि उसकी मौत भूख और गरीबी से हुई है, ये भी आरोप है कि बेहद गरीब होने के बावजूद भी उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
#Jharkhand: The rickshaw puller was ill since last one month, investigation has revealed claim District Administration in Dhanbad's Jharia
— ANI (@ANI) October 22, 2017
हालांकि जब रिक्शा चालक की मौत की खबर सरकार के आला अधिकारियों को मिली तो वह फौरन मौके पर पहुंचे। झारखंड प्रशासन ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपए का चेक बैजनाथ दास की पत्नी को दिया है। इसके साथ ही, राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू रॉय ने इस मामले की जांच करने का भी आदेश जारी कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने भी आरोप लगाया है कि बंबे समय से राशन नहीं मिलने के कारण भूख से रिक्शा चालक बैजनाथ की मौत हुई है। बैजनाथ लंबे समय से बीमार चल रहा था और पिछले एक महीने से वह रिक्शा भी नहीं चला पा रहा था।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैद्यनाथ के बड़े भाई जागो दास के नाम बीपीएल कार्ड था। उस वक्त पूरा परिवार साथ रहता था, लेकिन चार साल पहले जागो दास की मौत के बाद परिवार का नाम बीपीएल सूची से काट दिया गया था।
बैद्यनाथ के बेटे रवि कुमार दास ने बताया कि पापा लगातार झरिया व धनबाद के सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाते रहे लेकिन न तो बीपीएल सूची में नाम चढ़ाया गया और न ही आज तक राशन कार्ड ही बन सका। यदि लाभ मिला होता तो हमारे पापा की मौत नहीं हुई होती।
11 साल की बच्ची की मौत
बता दें कि इससे पहले झारखंड के सिमडेगा जिले में जलडेगा प्रखंड स्थित कारीमाटी गांव में कोयली देवी नाम की महिला की 11 साल की बेटी संतोषी की बीते 28 सितंबर को कथित तौर पर भूख के कारण मौत हो गई थी। संतोषी की मां कोयली देवी ने एक बयान में कहा था कि आधार कार्ड लिंक नहीं होने की वजह से गांव के डीलर ने उन्हें फरवरी से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहम मिलने वाला राशन देना बंद कर दिया था। उनकी बेटी को कई दिनों से खाना नसीब नहीं हुआ था, जिस कारण उसकी मौत हो गई। इस घटना को लेकर झारखंड की बीजेपी सरकार की खूब किरकिरी हुई।