सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित किए जाने के ऐतिहासिक फैसले के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तरफ से प्रतिक्रिया व्यक्त कर फैसले का स्वागत किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला विपक्ष को मोदी सरकार पर हमला बोलने का एक मौका दे दिया है।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुआ कहा कि यह वैयक्तिगत अधिकारों एवं मानवीय गरिमा के नये युग का संदेशवाहक है तथा आम आदमी के जीवन में राज्य एवं उसकी एजेंसियों द्वारा की जा रही निरंकुश घुसपैठ एवं निगरानी पर प्रहार है।
फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एवं उसकी सरकारें तथा विपक्षी दल इस अधिकार के पक्ष तथा इनको सीमित करने के इस बीजेपी की सरकार के अहंकारपूर्ण रवैये के खिलाफ अदालत एवं संसद में आवाज उठा चुके हैं।वहीं, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फासीवादी ताकतों को झटका दिया है। निगरानी के जरिए दमन की विचारधारा को खारिज किया गया है।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर ट्वीट किया, “शुक्रिया सुप्रीम कोर्ट इस बहुत महत्वपूर्ण फैसले के लिए।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया। जबकि नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, “मेरे पास निजता का अधिकार है और यह एक मौलिक अधिकार है।
इसके अलावा माकपा नेता सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, निजता के अधिकार पर सरकार के यू-टर्न की कोशिश वाली सरकारी मूर्खता मोदी और शाह की चुप्पी से और बढ़ गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया है।
PM मोदी ने साधी चुप्पी
इन नेताओं के अलावा अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया है। लेकिन तीन तलाक पर फौरन ट्वीट कर कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजता के अधिकार के फैसले पर अभी तक(खबर लिखे जाने तक) कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। पीएम मोदी की यह चुप्पी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, एक दिन पहले बुधवार(23 अगस्त) को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की प्रथा को संवैधानिक करार दिया उसके फौरन बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का तीन तलाक पर फैसला ऐतिहासिक है। यह मुस्लिम महिलाओं को समानता देता है और महिला सशक्तीकरण के लिए एक मजबूत कदम है।’ जबकि तीन तलाक की तरह ही आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया जाना ऐतिहासिक फैसला है। लेकिन पीएम मोदी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
निजता के हक पर मोदी का यूटर्न
हालांकि, इस मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मीडिया के सामने आए और फैसले का स्वागत किया किया। लेकिन सरकार द्वारा इस फैसले का स्वागत करने के बाद ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार अपने बयानों पर यूटर्न लेती दिख रही है। क्योंकि इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकार ने अपनी दलीलों में जोर देकर कहा था कि निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता।
जबकि, प्रसाद ने कहा कि सरकार निजता के हक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है। यही नहीं उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने डेटा सुरक्षा के लिए एक बड़ी शक्तिशाली कमिटी भी बनाई है। उन्होंने कहा कि यूपीए बिना किसी कानून के आधार को ले आई थी। हमने आधार को कानूनी जामा पहनाया। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं निजी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने क्या किया?
उन्होंने अपना आधार कार्ड दिखाते हुए कहा कि इसमें बायॉमेट्रिक डेटा दर्ज है, लेकिन यह पूरी तरह सुरक्षित है। डेटा की सुरक्षा के लिए सरकार ने कानूनी उपाय किए हैं। प्रसाद ने यूपीए पर हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने आधार को कानूनी सुरक्षा तक नहीं दी थी। हालांकि, केंद्रीय मंत्री द्वारा पटली मारे जाने पर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया जा रहा है।
So @narendramodi cares about the freedom of Muslim women. Tweeted immediately on #tripletalaq but not all citizens #RighToPrivacy.Zero tweet
— Swati Chaturvedi (@bainjal) August 24, 2017
I salute Hon.Supreme Court for their decision on #RightToPrivacy. I have always considered it as my right to intrude in people's privacy.
— Narendra Modi (Fake) (@Troll_Modi) August 24, 2017
What the govt. thinks about this RighttoPrivacy judgment, can be clearly deciphered from PM Modi not tweeting about it even after 6 hrs!
— arun giri (@arungiri) August 24, 2017
व्यक्तियों की निजता कोई मौलिक अधिकार नहीं है – मोदी सरकार SC में ! pic.twitter.com/oaerdDdFL5
— PRO Of RG (@DrHariDixit1) July 23, 2017
We will have to make-do with this #Modi today. Not as OTT as the real one but comes close. #RightToPrivacy https://t.co/NkdSwbmdyF
— Smruti ???????? (@smrutibombay) August 24, 2017
The shortened tweet forgot to thank Modi ji ?? Oh.. Er.. he opposed #RightToPrivacy ! ? Haina Chaubey ji? https://t.co/dCS8vVm8zW
— Rachit Seth (@rachitseth) August 24, 2017