यूक्रेन से अपनी रिपोर्टिंग को लेकर ट्रोल हुईं रिपब्लिक टीवी की शाज़िया निसार, अर्नब गोस्वामी के सहयोगी का लोगों ने जमकर उड़ाया मजाक; NDTV के एंकर रवीश कुमार ने भी किया कटाक्ष

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अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी की कर्मचारी शाज़िया निसार यूक्रेन से अपनी रिपोर्टिंग को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई है, लोग उन्हें पत्रकारिता के रूप में प्रस्तुत किए गए अपने ‘ऑन-एयर मनोरंजन’ के उन्हें जमकर ट्र्रोल कर रहे हैं। अर्नब गोस्वामी के सहयोगी, जो कथित तौर पर रूसी सैन्य आक्रमण पर रिपोर्ट करने के लिए यूक्रेन गए थे। वायरल हुए कुछ वीडियो में वह चिल्लाकर, कूदकर और डांस करते हुए एक नई तरह से युद्ध की रिपोर्टिंग करते हुए नज़र आ रहे है, जिसको लेकर यूजर्स उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं।

शाजिया निसार

रिपब्लिक भारत टीवी चैनल की एंकर निसार को एक वीडियो में अपने दर्शकों पर चिल्लाते हुए देखा जा रहा है, जबकि एक अन्य वीडियो में उनको डांस की तरह रिपोर्टिंग करते हुए देखा जा सकता था। एक अन्य वीडियो में, वह एक झुकी हुई स्थिति में चलती हुई दिखाई दे रही थी, क्योंकि विशेष प्रभावों के माध्यम से उनकी टीवी स्क्रीन पर सैन्य हेलीकॉप्टरों को  उड़ान भरते हुए देख सकते है।

भारतीय टीवी पत्रकारिता के स्तर पर सवाल उठाते हुए निसार के वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। एनडीटीवी के रवीश कुमार ने निसार पर कटाक्ष करने के लिए फेसबुक का सहारा लिया। इसी तरह तमाम यूजर्स उनके इस वीडियो को देख उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।

रवीश कुमार ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “इस पत्रकारिता के तहत जहां से कूद कर जहां तक जाना होता है, वहाँ से कूद कर वहाँ तक वापस भी आना होता है। कूदंत पत्रकारिता बंदरों को मानव सभ्यता के आचरणों में ढालने के काम आती है। इससे बंदर भ्रमित और भयभीत होकर कूदना छोड़ देते हैं। जब समाज में ख़बरों को देखने और समझने की क्षमता समाप्त हो जाती है तब कूदंत पत्रकारिता का उदय होता है। SPG से आग्रह है कि प्रधानमंत्री को इस कूदंत पत्रकार से दूर रखे। या फिर इंटरव्यू स्थल को इनके कूदने की क्षमताओं हिसाब से तैयार करे। नौकरी नाम की मजबूरी इंसान से कुछ भी करा सकती है। इस महंगाई में जीने के लिए कूदना पड़े तो कूद लीजिए। शर्म नाम की चीज़ को ख़ुद से अलग कीजिए। जिस जगह पर लाशें बिछी हैं, लोग मारे गए, उनके घर ख़ाक हो गए उस जगह से इस तरह का कवरेज हो रहा है।”

रवीश ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “कूदंत पत्रकारिकता करने वाली मोहतरमा बता रही हैं कि केवल पत्रकारिता नहीं बल्कि इंसान की गरिमा भी समाप्त हो चुकी है। भारत का समाज पतन से नीचे गर्त में चला गया है। यह पत्रकार एकदिन ख़ुद पर गर्व करेगी कि उसने ऐसा काम किया। उम्मीद है इस बार जब वेतन वृद्धि होगी तब सबसे अधिक वृद्धि स्वामी के बाद इन्हीं की होगी। इनका होना साबित करता है कि एक दर्शक और नागरिक के रूप में अब आप नहीं हैं। आइये सारा देश कूदे। यूक्रेन जाकर कूदे। जापान जाकर कूदे। स्टुडियो में कूदे। मैदान में कूदे। कूदने का अंत न हो। यही दिग दिगंत कूदंत पत्रकारिता है। जो लोग पत्रकारिता पढ़ रहे हैं वे किताबें फाड़ दें और कूदें। आप सभी कूदंत पत्रकारिता करें। जब ऐंकर कूद सकता है तो रिपोर्टर क्यों नहीं कूद सकती है। शाज़िया को शुभकामनाएँ। ईश्वर किसी को इतना मजबूर न करे कि ऐसी नौकरी करनी पड़े और नौकरी में ऐसा करना पड़े। ईश्वर के सामने हाथ ही जोड़ सकता हूँ। उनके सामने तो कूद भी नहीं सकता।”

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